केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले काफी सावधानी बरत रही है. यही वजह है कि वैक्सीनेशन को लेकर वैज्ञानिक सलाह, वैश्विक रुझान और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों पर गौर किया जा रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि बच्चों के लिए टीका अभियान शुरू करने में कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. सूत्रों ने कहा कि विशेषज्ञों के शीर्ष पैनल – टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीजीआई) – को भी अभियान शुरू करने के लिए अंतिम योजना प्रस्तुत करने से पहले सभी पहलुओं को बारीकी से परखने के लिए कहा गया है.
मंडाविया ने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए हैं निर्देश
सूत्रों ने बताया कि मंडाविया ने अधिकारियों को ‘सोच-समझकर छोटे कदम’ लेने और अंतरराष्ट्रीय रुझानों पर नजर रखने के लिए भी कहा है. इतना ही नहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों से विकसित देशों में बच्चों के लिए चल रहे टीकाकरण की धीमी गति के कारणों का अध्ययन करने को कहा है.
‘बच्चों के टीकाकरण के मामले में कोई राजनीति या दबाव नहीं’
एक शीर्ष अधिकारी ने मंडाविया की चिंताओं पर विस्तार से कहा, “विकसित देश बच्चों का टीकाकरण करने के लिए आगे नहीं आए हैं. बच्चों का टीकाकरण एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और हमें कोई भी कदम उठाने से पहले सभी वैज्ञानिक और तकनीकी राय लेनी चाहिए.” माना जाता है कि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि वह बच्चों के टीकाकरण के मामले में किसी भी “राजनीति या दबाव” की अनुमति नहीं देंगे.