मुख्यमंत्री श्री बघेल आज रायगढ़ जिले के विकसखंड मुख्यालय खरसिया के विश्राम गृह के सामने शहीद श्री नंदकुमार पटेल की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद महात्मा गांधी कालेज प्रांगण में आयोजित आमसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना, किसान न्याय योजना, लघु वनोपज की खरीदी, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, राजीव युवा मितान क्लब सहित शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हम शहीद श्री नंदकुमार पटेल की सोच को धरातल में पूरा करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे है। हमारा यह लक्ष्य भी है कि उनके बताए रास्तों पर चलते हुए उनके सपनों को साकार करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि फसल विविधिकरण के लिए चलायी जा रही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान सहित खरीफ की फसलों के लिए दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ 9 हजार रुपये रहेगी तथा इससे कम नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। आने वाले वर्षों में धान का समर्थन मूल्य बढ़ता है, तो किसानों को धान का अधिक मूल्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि झीरम घाटी के शहीदों को जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम चैन से नहीं बैठेंगे।
उच्च शिक्षामंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि शहीद श्री नंदकुमार पटेल विकास कार्यों के लिए भविष्य की सोच रखकर कार्य करते रहे। वे लगातार किसान, श्रमिक, युवाओं, महिलाओं सभी के विकास के लिए कार्य करते रहे। उन्होंने कहा कि वे शिक्षा को लेकर हमेशा कार्य करते रहे जिसके बदौलत आज खरसिया क्षेत्र में नवोदय विद्यालय, एकलव्य विद्यालय, मॉडल स्कूल व स्वामी आत्मानंद स्कूल यह चारों संस्थाएं संचालित हैं। उन्होंने कहा कि उनका एक सपना था कि यहां के धरमजयगढ़ तथा अन्य दूरस्थ अंचल के छात्रों की सुविधा के लिए रायगढ़ में यूनिवर्सिटी खोला जाए। जब मैंने यह बात मुख्यमंत्री श्री बघेल से कही तो उन्होंने कालेज जाने वाले छात्रों की सुविधा के लिए रायगढ़ में शहीद श्री नंदकुमार पटेल के नाम से यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया। जिसके लिए क्षेत्र के सभी विद्यार्थियों की ओर से मैं उनका आभार जताता हूं। आज खरसिया में शहीद श्री नंदकुमार पटेल की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस अवसर पर उन्हें सभी की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने इस मौके पर उनके साथ किए गए कार्यों से जुड़े अनुभव को साझा करते हुए कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से वे छत्तीसगढ़ तथा यहां के किसानों व लोगों के हितों व विकास के लिए पूरी दमदारी से अपनी बात रखते थे। मन से कोमल व संवेदनशील तथा पूरी बहादुरी से संघर्ष करने वाला व्यक्तित्व उनकी पहचान थी। छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढिया लोगों को विकास की राह पर लगातार आगे ले जाने की उनकी सोच थी, जिसको आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार पूरा करने का कार्य कर रही है।