प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंगलवार को 340 किलोमीटर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) का उद्घाटन करेंगे. यह एक्सप्रेसवे प्रमुख शहरों जैसे- वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर और इलाहाबाद को जोड़ेगा. इसकी मदद से तीर्थाटन की स्पीड भी बढ़ेगी. 340.8 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे राज्य की राजधानी लखनऊ से शुरू होगा और पूर्वी यूपी के गाजीपुर में यह खत्म होगा. इसे योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की खास परियोजनाओं में से एक के रूप में गिना जाता है. परियोजना की कुल लागत 22,494.66 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह नया एक्सप्रेस वे श्रद्धालुओं के लिए तीर्थयात्रा में काफी मदद कर सकता है. यह एक्सप्रेस वे अयोध्या और इलाहाबाद तक लोगों की पहुंच आसान बनाएगा.
आइए हम आपको पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के बारे में कुछ और जानकारियां देते हैं.
छह लेन का पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है. यह लखनऊ को आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर और अमेठी से जोड़ेगा.
एक्सप्रेस-वे लखनऊ के गांव चांद सराय से शुरू होकर गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव में खत्म होगा. यह एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से भी जोड़ेगा. यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनेगा.
एक्सप्रेसवे में आठ पेट्रोल पंप हैं जबकि चार सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं.
एक्सप्रेस-वे पर चार लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं. साथ ही भूगर्भीय परिस्थितियों के अनुसार हर 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंगके पिट्स बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही एक्सप्रेस वे पर इंटरचेंज, फ्लाईओवर, बड़े पुलों, छोटे पुलों और सोलर बैकअप के साथ अंडरपास पर रोशनी की व्यवस्था भी की जा रही है.
दुर्घटनाओं और आपात स्थितियों से निपटने के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली एंबुलेंस तैयार रखी जाएंगी. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 20 पैट्रोलिंग वाहन भी तैनात किए जाएंगे.
सड़क सुरक्षा उपायों के तहत दोनों लेन और बीच में दोनों ओर मेटल बीम क्रैश बैरियर, सावधानी बोर्ड लगे हैं.
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक्सप्रेसवे पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है. इसमें आवारा पशुओं को रोकने के लिए एक एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और फेंसिंग की जाएगी.
कोरोना के बाद भी सरकार ने अक्टूबर 2021 तक काम पूरा करने का लक्ष्य पूरा किया. साथ ही इस दौरान 60 लाख श्रम दिवस बने.
एक्सप्रेसवे का उपयोग भारतीय वायु सेना के विमानों के लिए एक आपातकालीन रनवे के रूप में भी किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इसके खुलने के बाद शुरुआती दिनों में हर दिन 15,000-20,000 वाहन एक्सप्रेसवे का उपयोग करेंगे.