नेटवर्क 18 से बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी अहम सवालों का जवाब दिया. उन्होंने बताया कि बजट को किस उद्देश्य से तैयार किया गया था और वे भारत को कहां तक पहुंचते देखना चाहती हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने को लेकर भी उन्होंने अपना नजरिया दर्शकों के सामने रखा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2022-23 का बजट पेश करने के बाद पहली बार किसी निजी टीवी से बात कर रही थीं.
सवाल था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के बारे में बात की थी. (ये अनांउसमेंट कोरोना काल शुरू होने से पहले की गई थी). इस पर आपका (वित्त मंत्री का) का असेसमेंट है कि हम कब तक इस स्तर को हासिल कर सकते हैं?
7-8 साल पहले की तुलना में बहुत अच्छे
इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बेशक महामारी ने हमें थोड़ा नीचे की तरफ खींचा है. परंतु यदि हम 7-8 साल पहले से आज की तुलना करें तो भारत कहीं बेहतर स्थिति में है. उस समय हमारी GPD, FDI, फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व और हमारे निवेश का स्तर कुछ खास नहीं था. इन सबके संदर्भ में बात करें तो 7-8 साल पहले के मुकालबे हम फिलहाल लगभग 2.5 गुणा ज्यादा बेहतर हैं. और वह भी कोरोना महामारी से निकलने के बाद.
उन्होंने आगे कहा कि आज की बात करें तो हम 2.3 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी हैं. तो यहां से.. यदि आप लगातार बिना किसी बाधा के, प्रीडिक्टेबल (अनुमानित) पॉलिसीज़ के साथ चलते हुए इकॉनमी को ये संदेश दें कि आप पॉलिसी और टैक्स इत्यादी में बहुत भारी छेड़छाड़ नहीं करने जा रहे हैं या सबकुछ स्टेबल रहने वाला है तो यकीनन लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है. वित्त मंत्री ने ये भी जोड़ा कि वे चाहेंगी कि इसी समय सीमा (2024-25) तक हम लक्ष्य (5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी) को हासिल करें, लेकिन महामारी के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता.
CEA ने कहा था, 2026 तक पहुंचेंगे लक्ष्य तक
बता दें कि कल बजट पेश किए जाने के बाद देश के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) डॉ. वी अनंत नागेश्वरन (Dr V Anantha Nageswaran) ने उम्मीद जताई कि यदि 8 से 9 फीसदी की विकास दर सतत जारी रहती है तो भारत वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) तक या इसके अगले वित्त वर्ष में 5 हजार अरब यानी 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी (Economy) बन सकता है. गौरतलब है कि बजट से ठीक 3 दिन पहले केंद्र सरकार ने डॉ. वी अनंत नागेश्वरन को चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर नियुक्त किया था.