ऑनलाइन पेमेंट के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है. हालांकि, इसका उपयोग अधिक होने के साथ ही बैंकिंग फ्रॉड के कई मामले सामने आ रहे हैं. फ्रॉड की संभावना कम करने या इससे बचने के लिए कुछ सुरक्षा उपायों पर ध्यान देना जरूरी है. विभिन्न एजेंसियां या संस्थाएं इस संबंध में कस्टमर्स को जागरूक भी करती रहती हैं.
इसी कड़ी में देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कस्टमर्स के लिए व्यापक डिजिटल सिक्योरिटी गाइडलाइन जारी की है. बैंक ने बताया है कि कस्टमर्स को डिजिटल ट्रांजेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट और सोशल मीडिया सिक्योरिटी के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं. एसबीआई ने कस्टमर्स को 5 टिप्स दिए हैं, जिन्हें यूपीआई पेमेंट करने वाले कस्टमर्स को याद रखना चाहिए. आइए, इन टिप्स पर एक नजर डालते हैं.
ये हैं टिप्स
– अपने मोबाइल पिन और यूपीआई पिन को अलग-अलग रखें.
– यूपीआई से संबंधित किसी भी अज्ञात अनुरोध का जवाब न दें.
– ऐसे संदिग्ध अनुरोधों या कॉल के बारे में हमेशा रिपोर्ट करें.
– याद रखें कि पिन की जरूरत सिर्फ रकम ट्रांसफर करने के लिए होती है, पाने के लिए नहीं.
– यदि कोई संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुआ है, तो अपने अकाउंट पर यूपीआई सर्विस को तत्काल डिसेबल कर दें.
एनपीसीआई ने किया डेवलप
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस तत्काल रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम है, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डेवलप किया है. यह कई बैंकिंग सेवाओं, बिना किसी बाधा के फंड रूटिंग और मर्चेंट पेमेंट को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी बैंक के) में एकीकृत करता है. यह पीयर टू पीयर कलेक्शन रिक्वेस्ट को भी संभाल सकता है, जिसे शेड्यूल किया जा सकता है और आवश्यकतानुसार पेमेंट किया जा सकता है.