बैंकों द्वारा होम लोन महंगा किये जाने का भारतीय प्रापर्टी बाजार में कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है. 11-27 मई के बीच हुई रॉयटर्स के एक पोल में यह बात सामने आई है. पोल के अनुसार, इस साल मकान की कीमतों में 7.5 फीसदी का उछाल आ सकता है. यह मकान की कीमतों में पिछले 5 साल में आई सर्वाधिक तेजी है.
रॉयटर्स ने इससे पहले मार्च में भी एक ऐसा पोल किया था. तब मकान की कीमत इस साल 5 फीसदी ऊपर जाने का अनुमान था. हालांकि, मार्च से मई के बीच इसमें और तेजी आई है. वहीं, अगले साल व 2024 में मकान की कीमतों में औसतन 6 फीसदी की तेजी आने का अनुमान है.
रेपो रेट में वृद्धि का प्रभाव नहीं
मई की शुरुआत में आरबीआई ने रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद बाकी बैंकों ने अपने-अपने होम व अन्य लोन में ब्याज दरें बढ़ा दी थीं. इससे प्रॉपर्टी बाजार में सुस्ती आने का अनुमान था. लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है. इसका एक बहुत बड़ा कारण कोविड-19 प्रतिबंध हटने के बाद ऑफिसेज खुलना है. कर्मचारी दोबारा ऑफिस लौट रहे हैं जिस वजह से प्रॉपर्टी की मांग में तेजी आई है. जेएलएल रिसर्च के निदेशक रोहन शर्मा ने कहा है, “हम कीमतों में वृद्धि वाले दौर में प्रवेश कर रहे हैं. छोटी अवधि में इसका कारण बढ़ती इनपुट कॉस्ट है जबकि मध्यम व लंबी अवधि में मजबूत मांग और संस्थागत पूंजी वाले बड़े खिलाड़ी मूल्य वृद्धि का कारण बनेंगे.” उन्होंने कहा कि अगली 2-3 तिमाहियों में अफोर्डेबल होम मार्केट में घुसने वाली विंडो बंद हो जाएगी. नाइट फैंक के डायरेक्टर ऑफ रिसर्च विवेक राठी ने कहा है कि लोन के ब्याज में 1 फीसदी की लोगों की घर खरीदने की क्षमता 7 फीसदी तक घटा देती है.