भारत में मानसून की एंट्री हो चुकी है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी मानसून 29 मई को ही मेहरबान हो चुका है, जबकि इसके आने की औसत तारीख 1 जून मानी जाती है. मंगलवार को मानसून केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ता नजर आया, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी पड़ने की संभावना है. आईएमडी ने बेंगलुरू में 2 जून से बारिश शुरू होने का अनुमान लगाते हुए कर्नाटक के 10 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी कर दिया है. महाराष्ट्र में इस बार मानसून के एक हफ्ते पहले पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. इस बीच, IMD ने मंगलवार को अपने दूसरे पूर्वानुमान में बताया कि देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार सामान्य रहेगा.
यहां मानसून ने नहीं पकड़ी रफ्तार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर केरल, कर्नाटक और मध्य तमिलनाडु में मानसूनी बारिश के लिए इंतजार थोड़ा लंबा हो सकता है क्योंकि अगले दो दिनों तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की संभावना नहीं है. मानसून ने अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है और इन इलाकों में अच्छी बारिश नहीं हुई है. पिछले 24 घंटों में केरल के 14 में से 8 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है. 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश अलाप्पुझा और कोट्टायम में ही दर्ज की गई, जो क्रमशः 53 मिमी और 52 मिमी रही. दक्षिण केरल और माहे में मंगलवार को भारी वर्षा की संभावना है. बाकी दक्षिणी राज्यों में 2 जून तक हल्की बारिश का ही अनुमान है.
इन जगहों पर भी इंतजार थोड़ा लंबा
आईएमडी के अधिकारियों के अनुसार, जून के पहले सप्ताह में मानसून बेंगलुरु सहित राज्य के दक्षिणी हिस्सों में प्रवेश कर जाएगा. दक्षिणी कर्नाटक में मानसून की बारिश में तीन-चार दिनों की देरी हो सकती है, लेकिन पूरे राज्य में 7 जून से बारिश की उम्मीद है. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले कुछ दिनों में बेंगलुरु में 7 मिमी तक बारिश होगी. 3-4 जून को गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होगी. महाराष्ट्र की बात करें तो दक्षिणी कोंकण क्षेत्रों और कोल्हापुर में मानसून की शुरुआत की सामान्य तिथि लगभग 9 जून रहती है, लेकिन इस साल इसके एक सप्ताह पहले आने की संभावना है.
IMD बोला, सामान्य रहेगा मानसून
इधर, आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि मानसून के अधिकांश दक्षिणी प्रायद्वीपीय इलाकों में सामान्य तारीख से पहले पहुंचने का अनुमान है. IMD ने मंगलवार को लंबी दूरी के अपने दूसरे पूर्वानुमान में बताया कि देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार सामान्य रहेगा और मात्रात्मक रूप से यह लंबी अवधि के औसत (LPA) का 103 प्रतिशत होगा. अगर ऐसा होता है तो ये लगातार चौथा साल होगा, जब भारत में मानसून सामान्य रहेगा. महापात्र के मुताबिक, दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत और कोर मानसून क्षेत्र (मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्रों) में सामान्य से अधिक सामान्य वर्षा (एलपीए का 106 प्रतिशत) होने की संभावना है.