भारतीय सुरक्षाबलों से बार-बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. एक के बाद एक भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराए जा रहे हैं. एक हफ्ते में तीन बार और पिछले 10 महीने में 12 बार भारत-पाकिस्तान सीमा पर पंजाब सेक्टर में पाकिस्तानी ड्रोन को बीएसएफ ने मार गिराया है. यही वजह है कि भारतीय ड्रोन डिफेंस सिस्टम से डरकर पाकिस्तान ने ड्रोन घुसपैठ का तरीका बदल लिया है.
भारत की ड्रोन डिफेंस रणनीति से डरकर पाक ने बदला अपना पैंतरा
भारत-पाकिस्तान सीमा पर पंजाब सेक्टर में पिछले 1 हफ्ते के दौरान जो 3 ड्रोन मार गिराए गए हैं, उसकी जांच में यह बात सामने आई है कि अब पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की खेप और हथियारों की तस्करी के लिए नेविगेट टू होम ड्रोन इस्तेमाल कर रहा है. यानी अब पाकिस्तानी ड्रोन में नेविगेट टू होम सिस्टम फिट किया जा रहा है ताकि जैसे ही भारतीय एजेंसियां उनके ड्रोन के सिग्नल को जाम करे तो तुरंत वह वापस पाकिस्तान अपने स्टेशन में लौट आए.
दो और तरीकों से पाकिस्तान चल रहा चाल
भारत से लगातार मुंह की खाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने ड्रोन घुसपैठ की रणनीति में दो और अहम बदलाव किए हैं. इस मामले की तफ्तीश में जुटी खुफिया एजेंसी के मुताबिक, ड्रोन घुसपैठ नाकाम होने के बाद पाकिस्तान ने एयरलाइंस रूट के जरिए ड्रोन भेजने का दूसरा तरीका ढूंढा है. यहां पर सिविल एयरक्राफ्ट की आवाजाही होती है, लिहाजा पाकिस्तानी एजेंसियां आश्वस्त होती हैं कि उनके द्वारा भेजे गए ड्रोन पर भारत की ओर से फायरिंग नहीं की जाएगी और तीसरा तरीका है एक साथ कई ड्रोन को भारत की सीमा में भेजना.
चीनी तकनीक का पाक ले रहा सहारा
ड्रोन एक्सपर्ट कैप्टन अंबर उदान के मुताबिक, आतंकी गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गठजोड़ बना कर पाकिस्तान मौजूदा परिस्थितियों का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है और सबसे अहम बात यह है कि विदेशी चीनी तकनीक के सहारे पाकिस्तान यह अपनी ड्रोन खुराफात की चाल चल रहा है. पाकिस्तान की बौखलाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ड्रोन गिराए जाने के मामले और ड्रोन देखे जाने के मामले भारत-पाकिस्तान सीमा पर दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं.
ड्रोन घुसपैठ में हुई बढ़ोतरी
पिछले साल यानी 2021 में 109 बार ड्रोन भारतीय सीमा पर मंडराते देखे गए थे, जबकि इस साल अभी तक ही यह तादाद 220 को पार कर चुकी है. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, ड्रोन घुसपैठ की कोशिश से हर बार ड्रग की खेप और हथियारों की खेप भारत में पहुंचाने का मकसद होता है. इसीलिए पिछले 2 सालों में 1166 किलो नशीली खेप भारत-पाकिस्तान सीमा पर बरामद हो चुके हैं.
भारत-पाकिस्तान सीमा पर ज्यादातर मार गिराए गए ड्रोन क्वॉर्डकॉप्टर हैं, यानी 4 विंग वाले और चीनी तकनीक के मैट्रिक्स कंपनी के ही बने हुए हैं. अब सुरक्षा एजेंसियां इन बरामद किए गए ड्रोन की फॉरेंसिक जांच भी कर रही हैं ताकि इनकी तकनीक को पूरी तरीके से नाकाम करने के लिए सीमा पर जैमर भी तैनात किए जाएं.