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बेटों को चुनाव जिताने में जुटे राजस्थान के दो पूर्व मुख्यमंत्री

अशोक गहलोत का सिरोही-जालौर, वसुंधरा राजे का झालावाड़-बारां पर फोकस
नई दिल्ली । राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के रण में कांग्रेस और भाजपा के नेता पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं। भाजपा लगातार तीसरी बार प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाने की बात कर रही है। वहीं, कांग्रेस भाजपा के विजय रथ को रोकने की रणनीति में जुटी है। प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन सबके बीच प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की चर्चा है, जो अपने-अपने बेटों को चुनाव जिताने में लगे हुए हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ज्यादा फोकस सिरोही-जालौर सीट पर है। जहां से उनके बेटे वैभव गहलोत चुनावी मैदान में हैं। जितनी चुनावी सभाएं उन्होंने राजस्थान के अलग-अलग सीटों पर की, कमोबेश उतनी ही सभाएं अकेली सिरोही जालोर सीट पर कर चुके हैं, जबकि भाजपा की दिग्गज नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार लोकसभा चुनाव में झालावाड़-बारां से बाहर नहीं निकलीं, जहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।
राजनीति के जानकारों का यह भी कहना है कि सिरोही-जालौर सीट पर कांग्रेस के वैभव गहलोत का भाजपा के लुंबाराम चौधरी से कांटे का मुकाबला है, लेकिन झालावाड़-बारां में दुष्यंत सिंह कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया से आगे हैं। बावजूद इसके, वसुंधरा राजे अब तक पूरी तरह से इसी सीट पर फोकस किए हुए हैं।
पिछली बार जोधपुर से चुनाव हार गए थे वैभव
अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का यह दूसरा लोकसभा चुनाव है। वह 2019 में जोधपुर सीट से मैदान में उतरे थे, जहां उनका मुकाबला भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हुआ। इस मुकाबले में वैभव को दो लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। अब वैभव गहलोत सिरोही-जालोर से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला भाजपा के लुंबाराम चौधरी से है। यह चुनाव वैभव गहलोत का राजनीतिक भविष्य तो तय करेगा ही, इसके साथ ही सिरोही-जालौर सीट से अशोक गहलोत की साख भी जुड़ी है।
चार बार से सांसद हैं दुष्यंत सिंह
वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह लगातार चार बार से झालावाड़-बारां सीट से सांसद हैं और अब वह इसी सीट से पांचवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। झालावाड़-बारां सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इससे पहले सिर्फ झालावाड़ लोकसभा सीट थी। दुष्यंत सिंह ने 2004 में झालावाड़ से चुनाव जीता। इसके बाद 2009 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव में वे झालावाड़-बारां से मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। झालावाड़ वसुंधरा राजे का गृह क्षेत्र है। 1989 से 1999 तक वसुंधरा राजे झालावाड़ से पांच बार सांसद रही हैं।
वैभव के समर्थन में दक्षिण तक गए गहलोत
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही अशोक गहलोत ने बेटे वैभव गहलोत के लिए कैंपेन शुरू कर दिया। सिरोही-जालौर सीट पर प्रवासियों का दबदबा माना जाता है। ऐसे में प्रवासियों को साधने के लिए अशोक गहलोत ने मुंबई, चेन्नई से लेकर बंगलुरु तक दौरे कर चुके हैं। माना जाता है कि इस सीट की चाबी प्रवासियों के हाथ में है। ऐसे में गहलोत शुरुआत में ही प्रवासियों को साधने में जुट गए। हालांकि, इस बीच गहलोत ने राजस्थान की अन्य सीटों पर भी सभाएं की हैं।
वसुंधरा राजे झालावाड़-बारां में कर रहीं प्रचार
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से वसुंधरा राजे का फोकस पूरी तरह झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर बना हुआ है। जहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर पूरी कमान वसुंधरा राजे ने अपने हाथ में ले रखी है। क्षेत्र में वसुंधरा राजे सभाएं भी कर रही हैं और कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ लगातार बैठकें कर चुनाव की रणनीति तय कर रही हैं। खास बात यह है कि प्रदेश में भाजपा के बड़े नेताओं के दौरों में भी वसुंधरा राजे मौजूद नहीं रहीं।

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