वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को है। बुद्ध पूर्णिमा तिथि 22 मई की शाम 5: 57 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 23 मई गुरुवार के दिन शाम 6: 41 मिनट पर होगी। वैशाख पूर्णिमा 23 मई को होगी, इसलिए बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी। यह बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर ही गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उनके जीवन में तीन अधिक महत्वपूर्ण घटनाएं रही है, पहला उनका जन्म, दूसरा ज्ञान और तीसरा मोक्ष, यह सभी एक ही तिथि पर आते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार, गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाते हैं। इस दिन भगवान बुद्ध के अलावा भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की पूजा की जाती है। इस दिन को हिंदू और बौद्ध दोनों धर्म के लोग इस दिन को धूमधाम के मानते हैं। बौद्ध धर्म के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि को महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था।
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि- पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा के सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और बहते पानी में तिल प्रवाहित करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। इस दिन दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है।
बुद्ध पूर्णिमा व्रत के फायदे- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदर्शन किए बिना व्रत पूरा नहीं होता। इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन जरूरी होते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:18 ए एम से 05:01 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04:39 ए एम से 05:43 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:57 ए एम से 12:50 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:37 पी एम से 03:30 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:03 पी एम से 07:24 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07:04 पी एम से 08:08 पी एम
अमृत काल- 11:22 पी एम से 01:02 ए एम, मई 24
निशिता मुहूर्त- 12:02 ए एम, मई 24 से 12:45 ए एम, मई 24
सर्वार्थ सिद्धि योग- 09:15 ए एम से 05:43 ए एम, मई 24