पुणे
महाराष्ट्र के पुणे में में हुए दर्दनाक हादसे के बाद क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने बड़ा एक्शन लिया है। आरटीओ ने उस पोर्शे कार का अस्थायी पंजीकरण 12 महीने के लिए रद्द करने का निर्णय लिया है जिसकी चपेट में आने से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी। विभाग ने कार के अस्थायी पंजीकरण को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और कार के पंजीकृत मालिक को इस आशय का एक नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने 17 वर्षीय आरोपी को 25 वर्ष की आयु तक लाइसेंस जारी न करने का भी फैसला लिया है।
अधिकारियों ने इससे पहले बताया था कि जब कार को पुणे आरटीओ ले जाया गया तो पता चला कि एक निश्चित पंजीकरण शुल्क का भुगतान नहीं किया गया था। कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए कार के मालिक को शुल्क देने को कहा गया। लेकिन शुल्क का भुगतान नहीं किया गया था। इसलिए वाहन का स्थायी पंजीकरण लंबित था।
नाबालिग चला रहा था कार
बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में रविवार तड़के पोर्श कार के नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि वह नशे की हालत में कार चला रहा था। नाबालिग रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल (50) का बेटा है। नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर पांच जून तक निगरानी केंद्र भेजा गया है जबकि उसका पिता 24 मई तक पुलिस हिरासत में हैं।
12 महीने प्रमाणपत्र रद्द करने का है नियम
पुणे के आरटीओ संजीव भोर ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में प्रावधान है कि यदि कोई ऐसी दुर्घटना होती है जिसमें कोई नाबालिग कार चला रहा हो तो पंजीकरण प्रमाणपत्र 12 महीने के लिए रद्द किया जा सकता है। हमने अब कार के अस्थायी पंजीकरण को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और कार के पंजीकृत मालिक को इस आशय का एक नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि कार को अस्थायी पंजीकरण संख्या आवंटित किया गया था क्योंकि इसे बेंगलुरु से पुणे लाया गया था। आरटीओ ने कहा कि हालांकि, उचित पंजीकरण संख्या के बिना सड़क पर कार चलाना अपराध है। हादसे के बाद पुलिस ने लग्जरी कार को जब्त कर लिया है।