नईदिल्ली
देश में जारी लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2024) के 6 चरण का मतदान हो चुका है और अब बस एक दौर की वोटिंग बाकी है. इसके बाद 4 जून 2024 को चुनाव के नतीजों आएंगे. इससे पहले ही बीते हफ्तेभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi Govt) के लिए एक के बाद एक 5 गुड न्यूज आई हैं, जो देश की इकोनॉमी की तेज रफ्तार का सबूत पेश कर रहे हैं. ये गुड न्यूज भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तक से जुड़ी हुई हैं.
Sensex नए शिखर पर पहुंचा
सबसे पहले बात कर लेते हैं शेयर बाजार (Stock Market) की, जो चुनाव नतीजे आने से ठीक पहले तूफानी तेजी से भागता दिख रहा है. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को बीएसई के सेंसेक्स ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए 52 वीक का नया ऑल टाइम हाई बनाया. Stock Market में कारोबार खत्म होने पर सेंसेक्स 1196.98 अंक या 1.61 फीसदी की बढ़त के साथ 75,418.04 के स्तर पर बंद हुआ. इससे पहले आखिरी कारोबारी घंटे में इसने 75,499.91 का लेवल छुआ, जो इसका नया हाई है.
Nifty ने भी रच दिया इतिहास
सेंसेक्स के साथ ही निफ्टी भी कदम से कदम मिलाकर चल रहा है. शेयर बाजार में गुरुवार को कारोबार के दौरान Nifty50 ने 369.85 अंक या फिर 1.64 फीसदी की छलांग लगाते हुए 22,997.65 के स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ. ये निफ्टी का नया ऑल टाइम हाई लेवल है. निफ्टी की शुरुआत 22,614.10 के स्तर पर हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे दिन का कारोबार आगे बढ़ा, इसकी रफ्तार और तेज होती गई.
BSE का मार्केट कैप 5 ट्रिलियन के पार
सेंसेक्स और निफ्टी की तरह ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने भी बीते मंगलवार इतिहास रचा था. दरअसल, BSE Market Cap पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े के पार निकल गया. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के शेयर बाजार ये कमाल कर चुके हैं.
PM मोदी के कार्यकाल में 4 पायदान ऊपर आया भारत
साल 2023 में भारत की इकॉनमी 3.7 लाख करोड़ डॉलर थी। हमारा देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत 4 पायदान ऊपर आया है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ कर रही इकॉनमीज में से एक है। साल 2014 से 2023 के दौरान भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 55 फीसदी बढ़ी है। इस अवधि में भारत दुनिया की नौवीं सबसे बड़ी इकॉनमी से पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी बना है। भारत लंबे समय से बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से ग्रोथ कर रहा है। आने वाले कुछ वर्षों तक भारत कम से कम 6 फीसदी की सालाना रेट से ग्रोथ करता रहेगा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर भारत को इकोनॉमिक सुपरपावर बनना है, तो 8 फीसदी या इससे अधिक की ग्रोथ रेट का टार्गेट लेकर चलना होगा।
भारत कब बनेगा इकोनॉमिक सुपरपावर
सतत विकास भारत को दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमीज में ऊपर ले जाएगा। कई एजेंसियों का अनुमान है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन जाएगा। हमसे ऊपर पहले स्थान पर अमेरिका और दूसरे पर चीन होंगे। IMF और गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि साल 2075 तक भारत इकॉनमी के मामले में अमेरिका से भी आगे होगा। हमारा देश साल 2075 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। केवल चीन ही हमसे आगे होगा। चीन की इकॉनमी अभी 17.786 ट्रिलियन डॉलर की है। 2028 तक इसके 27.4 ट्रिलियन डॉलर और साल 2075 तक 57 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
और अमेरिका से आगे होंगे हम
इस अवधि में अमेरिका की इकॉनमी भी 51.5 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगी। अमेरिका अभी 26,954 अरब डॉलर के साथ दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है। लेकिन 2075 में अमेरिका तीसरे नंबर पर खिसक जाएगा। तब भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी होगा और चीन से थोड़ा ही पीछे होगा। अभी भारत की इकॉनमी का साइज 3.730 ट्रिलियन डॉलर है। इसके 2028 तक 5.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। साल 2075 तक भारत की अर्थव्यवस्था 52.5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है।
हो रहा आधुनिक भारत का निर्माण
जो चीन ने तीन दशक से भी पहले किया था, वो भारत अब कर रहा है। सड़कों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और रेलवे के निर्माण पर अरबों खर्च करके बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव किया जा रहा है। यहां प्राइवेट इन्वेस्टर्स दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी प्लांट बना रहे हैं। सिर्फ इस साल के बजट में आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देने की दिशा में पूंजीगत व्यय के लिए 134 अरब डॉलर का प्रावधान किया गया था। भारत ने 2014 और 2023 के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में लगभग 55,000 किलोमीटर (लगभग 35,000 मील) जोड़ा है, जो कुल लंबाई में 60% की वृद्धि है। बुनियादी ढांचे के विकास से अर्थव्यवस्था के लिए कई फायदे हैं, जिनमें रोजगार पैदा करना और ईज ऑफ डूइंग बिजनस में सुधार शामिल हैं।
स्टॉक मार्केट की पावर
भारत की विकास क्षमता को लेकर उत्साह इसके शेयर बाजार में दिखाई देता है, जो रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रहा है। भारत के एक्सचेंजों पर लिस्टेड कंपनियों का मूल्य पिछले साल के अंत में $4 ट्रिलियन से अधिक हो गया था। जोरदार तेजी की बदौलत भारत का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज शेन्ज़ेन स्टॉक एक्सचेंज और हांगकांग एक्सचेंज दोनों को पछाड़कर दुनिया का छठा सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है। मैक्वेरी कैपिटल के अनुसार, अकेले खुदरा निवेशकों के पास भारत के इक्विटी बाजार मूल्य का 9% हिस्सा है। जबकि विदेशी निवेशक 20% से थोड़ा कम पर हैं। हालांकि, विश्लेषकों को उम्मीद है कि चुनाव खत्म होने के बाद 2024 की दूसरी छमाही में विदेशी निवेश बढ़ेगा।
बढ़ती मैम्युफैक्चरिंग ताकत
एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल से लेकर फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों तक 14 सेक्टर्स में मैन्युफैक्चरिंग की स्थापना में कंपनियों को आकर्षित करने के लिए 26 बिलियन डॉलर का उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन कार्यक्रम (PLI) शुरू किया है। इसके परिणामस्वरूप Apple सप्लायर फॉक्सकॉन सहित दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियां भारत में अपने परिचालन का उल्लेखनीय रूप से विस्तार कर रही हैं। टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने भी कहा है कि वे भारत आने के इच्छुक हैं। मस्क जल्द ही भारत में अपनी निवेश योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। मार्केट रिसर्च फर्म कैनालिस के अनुसार, साल 2025 के अंत तक 23% तक iPhone भारत में बनाए जाएंगे, जो 2022 में 6% से अधिक रहे।
भारत के DPI की दुनियाभर में धूम
हाल के वर्षों में देश ने कई तकनीकी प्लेटफॉर्म्स भी बनाए हैं। इन्हें डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के रूप में जाना जाता है। इन्होंने लोगों की लाइफस्टाइल और बिजनेसेज को बदल दिया है। उदाहरण के लिए 2009 में शुरू किए गए आधार कार्यक्रम ने लाखों भारतीयों को पहली बार पहचान प्रमाण प्रदान किया। दुनिया के सबसे बड़े बायोमेट्रिक डेटाबेस ने कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को कम करके सरकार को अरबों रुपये बचाने में मदद की है। एक अन्य प्लेटफ़ॉर्म यूनिफ़ाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) यूजर्स को QR कोड को स्कैन करके तुरंत भुगतान करने की अनुमति देता है। कॉफी शॉप मालिकों से लेकर भिखारियों तक, हर सेक्टर में भारतीयों ने इसे अपनाया है। आज कई देशों में भारत का यूपीआई चलता है।
RBI ने कर दिए ये बड़े ऐलान
चौथी अच्छी खबर की बात करें तो ये भारतीय रिजर्व (RBI) की ओर से आई है और ये दोहरी गुड न्यूज है. दरअसल, इस साल बैंकों की कमाई में आए जबरदस्त 3 लाख करोड़ रुपये के उछाल के चलते भारी-भरकम डिविडेंड दिया है, जो कि 2.11 लाख करोड़ रुपये है. बता दें कि रिजर्व बैंक हर साल सरकार को निवेश से होने वाली डिविडेंड इनकम को केंद्र सरकार को एक निश्चित राशि के रूप में हस्तांतरित करता है. इससे पिछले वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक ने केंद्र को डिविडेंड के तौर पर 87,416 करोड़ रुपये दिए थे. RBI अपनी सरप्लस इनकम से सरकार को डिविडेंड देती है. ये पैसा RBI निवेश और डॉलर को रखने के बाद वैल्यूएशन में हुई बढ़ोतरी से कमाती है.
इससे पहले आरबीआई ने अपना बुलेटिन (RBI Bulletin) जारी करते हुए कहा था कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बढ़ती डिमांड और नॉन फूड एक्सपेंडेचर के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत होने की संभावना है.
UN ने भारत की रफ्तार पर लगाई मुहर
RBI की ओर से ग्रोथ रेट को लेकर शानदार पूर्वानुमान जाहिर के साथ ही संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी भारत की बढ़ती हुई रफ्तार पर अपनी मुहर लगाई है और विकास दर के अनुमान में इजाफा करते हुए Indian Economy को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था भी करार दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने 2024 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमानों को 0.7 फीसदी बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की ग्लोबल इकनॉमिक मॉनिटरिंग ब्रांच के प्रमुख हामिद रशीद ने कहा कि बेहतर आउटलुक, कम महंगाई, मजबूत निर्यात और विदेशी निवेश में बढ़ोतरी से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.