मंडला
कान्हा टाईगर रिजर्व का बाघ रिवाइल्डिंग कार्यक्रम वन्यप्राणी संरक्षण का सफल उदाहरण है। दिनांक 30.05.2024 को दो नये बाघ शावक इस प्रक्रिया हेतु वनविहार भोपाल से कान्हा के रिवाइल्डिंग सेंटर घोरेला लाये गये। उक्त शावक 3-4 माह के अवस्था के है। इनको रातापानी अभ्यारण से इनकी मां एवं एक शावक थे, मृत्यु के बाद रेस्क्यू किया गया था। रातापानी अभ्यारण एवं वनविहार के रेस्क्यू किये जाने पर उन्हें कमजोर एवं भोजन की अनुपलब्धता के कारण कुपोषित पाये जाने पर वनविहार में 15 से 17 दिवस तक रखा गया।
इस अवधि में उपचार एवं पोषाण आहर उपलब्ध होने से इनके स्वास्थ्य में सुधार होने पर मुख्या वन्यप्राणी अभिरक्षक म.प्र. भोपाल, द्वारा इनके भविष्य को देखते हुये रिवाइल्डिंग के अधीन रखने का निर्णय लिया जा कर शावकों को कान्हा टाईगर रिजर्व मण्डला प्रेषित किया जाना आदेशित किया गया। घोरेला बाघ रिवाईल्डिंग सेंटर में बाघ शावकों को दो से ढाई वर्ष तक रखकर रिवाल्डिंग हेतु निर्धारित शासन की गाईडलाईन के अनुसार देख-रेख की जावेगी एवं बाघ शावकों के व्यवहार का अध्ययन किया जावेगा, अध्ययन उपरांत विशेषज्ञों की राय के अनुसार स्वतंत्र वन क्षेत्र में छोड़ा जायेगा।