नई दिल्ली
मौसम विज्ञान विभाग ने औपचारिक तौर पर ऐलान कर दिया है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून केरल पहुंच गया है। अमूमन मॉनसून एक जून को केरल पहुंचता है लेकिन इस साल अपने तय समय से तीन दिन पहले ही मॉनसून पहुंच चुका है। IMD के वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि सभी स्थितियों के आंकलन के बाद आज हमने केरल में मानसून के पहुंचने की घोषणा कर दी है।
उन्होंने कहा कि केरल के अधिकांश हिस्सों और पूर्वोत्तर के कई हिस्सों को मॉनसून कवर कर चुका है। कुमार ने बताया कि अगले 3-4 दिनों में तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों के साथ-साथ उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और शेष पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लेने की संभावना है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मॉनसून के आगमन की सामान्य तिथि 5 जून है।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मॉनसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो पूर्वोत्तर में मॉनसून के जल्दी आने का एक कारण हो सकता है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही थी, जिसके परिणामस्वरूप मई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।
इसके अलावा मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमोत्तर भारत और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुछ राहत की उम्मीद जताते हुए जल्द ही बूंदाबांदी के साथ अंधड आने का अनुमान जताया है। आईएमडी ने एक बयान में कहा कि आने वाले पश्चिमी विक्षोभ, बारिश या तूफान और अरब सागर से उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बहने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवा के कारण तापमान में गिरावट आने के कारण अगले दो-तीन दिनों के दौरान भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार जताये हैं। पिछले कुछ दिनों से पूरा उत्तर-पश्चिम भारत को लू की चपेट में है, जहां राजस्थान के चुरू में अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।