गाजा
राफा के खिलाफ इजरायल की तेज होती कार्रवाई के बीच अब हमास 'समझौते' के लिए तैयार है। खबर है कि फिलिस्तीनी समूह हमास ने इस संबंध में मध्यस्थों को इस संबंध में जानकारी भी दे दी है। खास बात है कि हमास इजरायल के साथ समझौता करना चाहता है, जिसमें बंधकों की वापसी भी शामिल है। 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से ही दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष जारी है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, हमास का कहना है कि उसने मध्यस्थों को बता दिया है कि वो जारी आक्रमण को लेकर बातचीत में शामिल नहीं होंगे। साथ ही कहा है कि अगर इजरायल युद्ध रोक देता है, तो वे 'पूर्ण समझौते' के लिए तैयार हैं। खास बात है कि यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब इजरायल इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी ICJ के कहने के बाद भी राफा के खिलाफ कार्रवाई जारी रख रहा है।
हमास के बयान के अनुसार, 'हमास और फिलिस्तीनी समूह आक्रमण, भुखमरी और हमारे लोगों के नरसंहार के बीच (सीजफायर पर) बातचीत जारी रखकर इस नीति में शामिल होना स्वीकार नहीं करेंगे।' आगे कहा गया है, 'हमने मध्यस्थों को हमारा विचार बता दिया है कि अगर कब्जा करने वाले गाजा में हमारे लोगों के खिलाफ युद्ध और आक्रमण बंद कर देते हैं, तो हम पूर्ण समझौते के लिए तैयार हैं, जिसमें एक्सचेंज डील भी शामिल है।'
खास बात है कि इजरायल पहले भी हमास की तरफ से की गईं पेशकशों को ठुकरा चुका है। इजरायल का कहना है कि राफा में जारी कार्रवाई हमास को खत्म करने और बंधकों को बचाने के लिए है। मंगलवार को ही इजरायल ने कहा था कि गाजा में हमास के खिलाफ उसका युद्ध पूरे साल जारी रहेगा। मंगलवार को ही पहली बार इजरायल के टैंक राफा पहुंचे थे।
भारत ने दी प्रतिक्रिया
भारत ने दक्षिणी गाजा के राफा शहर पर इजराइली हमले में आम नागरिकों की मौत को ''हृदय विदारक'' बताते हुए गुरुवार को संघर्ष के दौरान अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करने का आह्वान किया। गाजा के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि 26 मई को हुए हवाई हमले में 45 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर लोग तंबुओं में शरण लिए हुए थे। इस हमले से दुनिया भर में भारी आक्रोश फैल गया और यहां तक कि इजराइल के कुछ करीबी सहयोगियों ने भी इसकी आलोचना की।