भोपाल
इस लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश बीजेपी ने इतिहास रच दिया. प्रदेश के नेताओं ने 29 की 29 सीटें जीतकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ा तोहफा दिया. इस चुनाव में कई नेताओं ने इतने ज्यादा बड़ी जीत हासिल की है कि यकीन करना मुश्किल है. इनमें इंदौर, विदिशा, गुना, खजुराहो और भोपाल संसदीय सीट की जनता ने तो कमाल ही कर दिया. दरअसल, जब से लोकसभा चुनाव शुरू हुए थे, तभी से प्रदेश के दिग्गज नेताओं ने इस बात क प्रचार कर दिया था कि वे इस बार सभी 29 सीटें जीतेंगे. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हाथ में 28 सीटें थीं. महज एक सीट छिंदवाड़ा पर उसे हार मिली थी. इस बार पार्टी ने वह सीट भी जीत ली.
बीजेपी का कहना है कि इन सीटों को जीतकर वे पीएम नरेंद्र मोदी को 29 हार पहनाएंगे. आपको बता दें, मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत इंदौर से शंकर लालवानी की हुई. उन्होंने 11 लाख 75000 वोटों से जीत हासिल की. उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8 लाख 20000 मतों से जीत हासिल की. उसके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 लाख 40 हजार, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 5 लाख 25 हजार और आलोक शर्मा ने 5 लाख 1500 वोटों से जीत हासिल की.
शिवराज सीएम से मुलाकात करने पहुंचे मुख्यमंत्री आवास
मध्य प्रदेश में भाजपा ने छिंदवाड़ा सीट जीतकर प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया। इस ऐतिहासक जीत के बाद सुबह बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात करने पहुंचे। मुख्यमंत्री निवास में दोनों नेताओं ने प्रदेश में भाजपा की जीत पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी।
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में क्लीन स्वीप के साथ ही वोट शेयर का रिकॉर्ड भी बनाया है। इस जीत का श्रेय भाजपा के प्रदेश में बूथ प्रबंधन के साथ ही कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम दिया गया है। भाजपा का प्रदेश में वोट शेयर 58 प्रतिशत से बढ़कर 59.27 प्रतिशत हो गया है। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर पिछली बार के मुकाबले 34.50 प्रतिशत से घटकर 32.44 प्रतिशत रह गया है।
प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में 2014 में भाजपा ने 29 में से 27 और 2019 में 28 सीट जीती थी। पिछली बार छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस अपना कब्जा बरकरार रखने में कामयाब रही थी। 26 साल बाद भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ को ढहा दिया। छिंदवाड़ा को भाजपा ने रणनीतिक रूप से जीता है। इस सीट पर केंद्रीय नेताओं के साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों ने लगातार सभाएं और बैठकें की थी।
इतने मार्जिन से जीते खंडवा प्रत्याशी
इसी तरह खंडवा से बीजेपी के प्रत्याशी वर्तमान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने करीब 2 लाख 70 हजार वोटों से चुनाव जीता. चुनाव जीतते ही वे अवधूत संत दादाजी धूनी वाले की समाधि पर आशीर्वाद लेने पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और संगठन के कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है कि वह भारी मतों से चुनाव जीत गए. उनके साथ लोकसभा क्षेत्र की तीन महिला विधायक, खंडवा की महापौर और बड़वाह के विधायक मौजूद थे. उन्होंने कहा कि खंडवा लोकसभा क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग और बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस "क,ख,ग,घ-"से शुरू करनी पड़ेगी
मध्य प्रदेश में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है। यहां पर भाजपा ने 29 में से 29 सीटें जीती है। कांग्रेस छिंदवाड़ा सीट भी नहीं बचा सकी। इसके बाद अब कांग्रेस के अंदर ही सवाल उठने लगे है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े किए है। लक्ष्मण सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सभी देश के मतदाताओं के निर्णय का स्वागत है। प्रजातंत्र मजबूत हुआ है। मोदीजी की योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार का नतीजा उन्होंने भोगा। मध्य प्रदेश में कांग्रेस "क ,ख, ग ,घ–"से शुरू करनी पड़ेगी।
बता दें मध्य प्रदेश में कांग्रेस एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा में एक लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए। वहीं, राजगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, देश में 240 सीट जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। 99 सीटें जीतकर कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी बनी है।