सागर
सागर में सरकारी टीचर और उनकी पत्नी ने फांसी लगा ली। दंपती का सुसाइड नोट सामने आया है, इसी आधार पर शुरुआती जांच में पुलिस का मानना है कि सूदखोरों की धमकियों से पति – पत्नी परेशान थे। सूदखोर कर्ज पर 10% ब्याज वसूल रहे थे।
रामविलास शुक्ला (54) जनकपुर प्राथमिक शाला में पदस्थ थे। वे पत्नी वंदना शुक्ला (48) के साथ केसली में रहते थे। दंपती के शव मंगलवार को सिरोंजा के मकान में फांसी के फंदे पर मिले। ये मकान वे सालभर पहले ही बेच चुके थे, लेकिन खरीदार से कहकर एक कमरा अपने लिए ले रखा था। पति – पत्नी अक्सर इस मकान में रुकने आया करते थे। दीवारों पर कबीर के दोहे लिखे हुए हैं।
टीचर प्रॉपर्टी के कारोबार से भी जुड़े थे
रामविशाल शुक्ला टीचर के साथ प्रॉपर्टी डीलर भी बन गए थे। वे सिरोंजा में चल रही अवैध कॉलोनियों के जाल में फंस गए थे। प्लॉटों की खरीद-बिक्री करने लगे। अवैध कॉलोनियों में खरीदे गए प्लॉट की वजह से कई बार सौदे फेले हुए। घाटा होने पर कर्ज लेना पड़ा।
सुसाइड नोट में कर्ज का जिक्र, तीन लोगों के नाम
सिविल लाइन थाना प्रभारी एलएल उईके ने बताया कि सुसाइड नोट में योगेंद्र राजपूत, महेंद्र सिंह और राजाराम गौड़ का नाम लिखा है। योगेंद्र कर्ज पर 10% का ब्याज वसूलता था। सूदखोरों की धमकियों से पति-पत्नी परेशान थे, इसी कारण उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया। सिविल लाइन पुलिस मामले की जांच कर रही है।
6 भाइयों में सबसे छोटे, परिवार से ज्यादा मतलब नहीं था
रामविलास 6 भाइयों में सबसे छोटे थे। वह केसली में परिवार से अलग रहते थे। बड़े भाई उमाशंकर शुक्ला ने बताया कि रामविशाल ने कर्ज के संबंध में परिवार के लोगों से कभी बात नहीं की। वह परिवार के लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे।
कमरे के पीछे वाला दरवाजा खुला हुआ था
रामविशाल सोमवार सुबह 7.30 बजे पत्नी वंदना के साथ बाइक से केसली से निकले थे। वे सिरोंजा के मकान पर पहुंचे। पड़ोस के लोगों ने दोनों को देखा भी था। कई बार कॉल करने और रिसीव नहीं होने पर परिवार वाले सिरोंजा पहुंचे। कमरे के पीछे वाला दरवाजा खुला हुआ था। अंदर झांककर देखा तो रामविलास और वंदना दोनों के शव अलग-अलग रस्सी के फंदे पर लटके दिखे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। जिस नायलोन की रस्सी से फांसी लगाई, वो नई थी।