गोरखपुर
यूपी के गोरखपुर में एक युवक की पिटाई कर रुपये वसूलने के मामले में चौकी इंचार्ज समेत तीन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही तीनों पर भ्रष्टाचार और पिटाई का केस दर्ज किया गया। वहीं, इनकी विभागीय जांच भी शुरू करा दी गई है। चौकी इंजार्च और 2 सिपाहियों पर हुई इस कार्रवाई से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है।
ये घटना एम्स थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रुद्रापुर का है। विनय शर्मा ने बताया कि उसका भाई अजीत शर्मा और कुशीनगर के कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के रहने वाले वशीन्दर सिंह के बीच पैसे को लेकर कुछ विवाद था। जिसको लेकर वशीन्दर ने एम्स थाना के जगदीशपुर चौकी पर तहरीर दी थी। जगदीशपुर चौकी प्रभारी रमेश कुशवाहा अपने साथ सिपाही अमित यादव और अजय प्रताप के साथ आये और भाई के बारे में पूछा। विनय ने उनको बताया कि उसका भाई अजीत लखनऊ गया है। इस बात पर चौकी प्रभारी गाली देने लगे और जबरिया गाड़ी में बैठाकर चौकी ले जाकर बैठा दिए। रात में नशे में चूर होने के बाद छोड़ने के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग करने लगे। पैसा देने में असमर्थता जताने पर चौकी प्रभारी ने दोनों सिपाहियों के साथ मिलकर मारने पीटने लगे। विनय का कहना है कि अगले दिन रुपये देने के बाद उसे शाम 6 बजे छोड़ा गया।
विनय ने बताया कि उसे पुलिस ने इतना पीटा कि उसे अंदरूनी चोटें आई। जिसके इलाज के लिए एम्स के इमरजेंसी में जाना पड़ा। विनय ने बताया कि उसका इलाज चल रहा है और चौकी पुलिस 40 हजार रुपये की और मांग कर रहे हैं। न देने पर फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी। विनय ने बताया कि उसके पास पैसा नहीं था तो रिश्वत लेने के लिए चौकी इंचार्ज ने एक सूदखोर को भी चौकी पर बुला लिया और कहा कि अपना कोई गारंटर दे दो तो तुमको 50 हजार रुपये दिलवा देता हूँ। मेरी गारंटी लेने वाला कोई नहीं था तो पैसा नहीं मिला और किसी तरह दस हजार की व्यवस्था करके दिया तब पुलिस ने छोड़ा।
पीड़ित ने बताया कि जब आरोप उसके भाई पर था तो पुलिस उसे पकड़कर क्यों ले गयी और पिटाई के साथ अवैध धनउगाही क्यों की। विनय ने इसकी शिकायत एसएसपी से की। पूरे प्रकरण की जांच करने शनिवार सुबह एएसपी सीओ कैंट अंशिका वर्मा मौके पर गई। जांच में करीब 27 हजार की वसूली,मारपीट और सूदखोर को बुलाने की बात सही निकली। जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में दोषी मिलने पर चौकी इंचार्ज और दोनों सिपाहियो को सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय जांच शुरू कर दी गई। साथ ही मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।