पाकिस्तान: पीटीआई के वार्ताकार अचकजई ने नवाज और जरदारी से वार्ता की इच्छा जताई
पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के साथ बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की
पाकिस्तान : शहबाज शरीफ ने मौलाना फजलुर रहमान को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ वार्ता का नेतृत्व करने के लिए इमरान खान की पार्टी द्वारा चुने गए पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के अध्यक्ष महमूद खान अचकजई ने पीएमएल-एन के अध्यक्ष नवाज शरीफ और पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के साथ बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है।
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने विपक्षी गठबंधन के मंच तहरीक-ए-तहफ्फुज आईन (टीटीएपी) के माध्यम से वार्ता का नेतृत्व करने के लिए अचकजई को चुना था।
अचकजई ने एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान को एक ‘मजबूत सेना’ की जरूरत है और स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन सेना के खिलाफ नहीं है।
मार्च में सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के उम्मीदवार के रूप में आसिफ अली जरदारी के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले अचकजई ने चेतावनी दी कि यदि ‘जरदारी और नवाज शरीफ ने हमसे वार्ता नहीं की, तो एक समय ऐसा आएगा जब वे अपने घरों से बाहर कदम नहीं रख पाएंगे।”
पीकेएमएपी प्रमुख ने महंगाई को लेकर जनता के बीच बढ़ती हताशा के बारे में बात की और कहा, ‘लोग गुस्से में हैं। उन्हें दो वक्त की रोटी जुटाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।’
पाकिस्तान : शहबाज शरीफ ने मौलाना फजलुर रहमान को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने पूर्व सहयोगी जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बनने और देश में राजनीतिक गतिरोध को दूर करने में भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया है।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अन्य छोटे दलों के समर्थन से गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे शरीफ ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) प्रमुख के आवास पर जाकर उनका हालचाल जाना।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (72) ने मौजूदा राजनीतिक मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति के गठन का भी प्रस्ताव रखा और मौलाना रहमान से सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने को कहा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र के हवाले से खबर में कहा गया है कि जेयूआई-एफ नेता को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने और देश में व्याप्त राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए प्रस्तावित समिति में भूमिका निभाने को कहा गया है।
जेयूआई-एफ के प्रवक्ता ने बताया कि मौलाना रहमान ने हालांकि सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह सच है (कि जेयूआई-एफ सरकार में शामिल होगी)। सत्ता की चाहत हमारी राजनीति का हिस्सा नहीं है। वर्तमान सरकार के गठन से पहले ही हमारे पास बेहतर प्रस्ताव था।’’
मौलाना रहमान ने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के दौरान पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नामक विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व किया था।