विदेश

ब्रिटेन में जुलाई में आम चुनाव हिंदुओं ने एक मेनिफेस्टो जारी किया, जिसमें सरकार से लंबी-चौड़ी मांगें

लंदन
फिलहाल चुनावी मौसम चल रहा है. भारत के लोकसभा चुनाव 2024 के बाद यूरोपियन पार्लियामेंट का भी चुनाव हुआ. अब ब्रिटेन की पारी है. जुलाई में होने वाले आम चुनावों से पहले वहां हिंदू मेनिफेस्टो जारी हो चुका. 32-पेज का ये दस्तावेज यूके में बसे हिंदुओं की जरूरतों पर बात करता है, इसलिए इसे हिंदू मेनिफेस्टो भी कहा जा रहा है.

क्या है हिंदू फॉर डेमोक्रेसी संगठन

ये एक नहीं, बल्कि 15 गुटों का समूह है, जिनमें हिंदू काउंसिल यूके, हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन, हिंदू मंदिर नेटवर्क यूके, बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था, चिन्मय मिशन, इस्कॉन यूके और नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू टेम्पल्स आते हैं. इसकी वेबसाइट पर हिंदू मेनिफेस्टो का भी जिक्र है. घोषणापत्र में सात मांगें हैं. इनमें ब्रिटेन में हिंदुओं पर बढ़ती हिंसा और गैर-बराबरी को रोकने के साथ-साथ यूके में मंदिरों की सुरक्षा की भी डिमांड की गई.

क्यों करनी पड़ी ये मांगें

बीते कुछ समय में हिंदुओं के साथ कथित तौर पर हेट क्राइम की घटनाएं बढ़ीं. कई रिपोर्ट्स भी इसपर ठप्पा लगाती हैं. खुद लीडिंग ब्रिटिश थिंक टैंक हेनरी जैक्सन सोसायटी ने पिछले साल दावा किया था कि ब्रिटेन में बसे मुस्लिम स्टूडेंट्स हिंदू धर्म को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां करते और उन्हें कंन्वर्ट होने को कहते हैं.

किनपर हुआ सर्वे

इसके लिए देश के हजार से ज्यादा स्कूलों का सर्वेक्षण और लगभग इतने ही पेरेंट्स से बात की गई. वहां रहने वाले करीब 50% अभिभावकों ने माना कि मजहब के चलते उनके बच्चों को स्कूल में नफरत झेलनी पड़ी. यहां तक कि कई स्कूलों ने भी अपनी अंदरुनी रिपोर्ट में माना कि उनके कैंपस में बीते 5 सालों में हिंदू-विरोधी सोच बढ़ी है.

साल 2023 में ही अमेरिकी रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन नेटवर्क कांटेजियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (NCRI) ने दावा किया कि बीते समय में तेजी से एंटी-हिंदू नैरेटिव तैयार हुआ और हिंदुओं पर हमले में थोड़ी-बहुत नहीं, लगभग हजार गुना तेजी आई. खासकर ब्रिटेन और अमेरिका में.

कितने हिंदू हैं ब्रिटेन में

साल 2021 के सेंसस के अनुसार. यहां 10 लाख से ज्यादा हिंदू आबादी है. साल 2011 में ब्रिटेन की कुल जनसंख्या का डेढ़ फीसदी हिंदुओं का था. अगले 10 सालों में ये बढ़कर 1.7 फीसदी हो गया. वहां ईसाई और मुस्लिम के बाद हिंदू तीसरा सबसे बड़ा धर्म है.

क्या है मेनिफेस्टो में

– इसमें आने वाली सरकार से 7 मांगें की गई हैं.
– हिंदू हेट-क्राइम की घटनाओं को धार्मिक नफरत की तरह पहचानना और ऐसे लोगों को सजा देना.
– पूजा स्थलों को सुरक्षा देना और मंदिरों के लिए सरकारी फंडिंग.
– हिंदुओं की मान्यताओं-आस्थाओं को आने वाली पीढ़ी तक ले जाने के लिए फेथ स्कूल्स तैयार करवाना.
– सरकार और सार्वजनिक स्थलों पर हिंदुओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना.
– पुजारियों से जुड़े वीजा के मामलों को सुलझाना.
– सामाजिक सेवाओं में हिंदुओं को शामिल करना.
– धार्मिक मान्यताओं को पहचानना और उन्हें प्रोटेक्ट करना.

इसमें कई और मांगें भी हैं. जैसे नए सांसद ब्रिटिश हिंदुओं से जुड़े मुद्दों पर कानून लाने से पहले हिंदू संगठनों से बातचीत करें. हिंदू दाह संस्कार की प्रोसेस में प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने की मांग है ताकि मौत के तीन दिन के भीतर दाह संस्कार का काम हो सके.

होने लगा मेनिफेस्टो का विरोध

बढ़ते हेट-क्राइम की घटनाओं के बीच ब्रिटेन में रहते हिंदू इसलिए भी नाराज हैं क्योंकि सरकार में उनके मुद्दों का रिप्रेजेंटेशन उतनी अच्छी तरह से नहीं हो रहा. यही वजह है कि पहली बार कोई हिंदू मेनिफेस्टो लाया गया. हालांकि आते ही इसपर विवाद भी शुरू हो गया. घोषणापत्र रिलीज होने के साथ ही वहां के कैंपेनिंग संस्थान नेशनल सेकुलर सोसायटी ने दस्तावेजों की आलोचना करते हुए कहा कि आने वाली सरकार को इन्हें सिरे से रिजेक्ट कर देना चाहिए. सोसायटी ने यहां तक कह दिया कि अगर मेनिफेस्टो अमल में आ जाए तो फ्री स्पीच को नुकसान होगा क्योंकि हिंदुओं के खिलाफ कुछ कहा नहीं जा सकेगा.

 

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com