मुंबई
शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी ने डिमैट खाते और म्यूचुअल फंड अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं देने पर अकाउंट फ्रीज करने के अपने पुराने आदेश को खत्म कर दिया है. सेबी के इस नए फैसले के चलते उन डिमैट खाताधारक या म्यूचुअल फंड अकाउंट होल्डर्स को परेशान होने की जरुरत नहीं है जिन्होंने च्वाइस ऑफ नॉमिनेशन के विकल्प को नहीं चुना है. पहले सेबी ने 30 जून 2024 तक सभी डिमैट – म्यूचुअल फंड खाताधारकों को नॉमिनी का नाम देने के इस विकल्प को चुनने की मोहलत दी थी. ऐसा ना करने पर अकाउंट को फ्रीज करने का प्रावधान था जिसका बाद खाताधारक कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर पाते.
शेयर बाजार के स्टेक होल्डर्स और भागीदारों की ओर से अनुपालन के नियमों को सरल बनाने की मांग के बाद सेबी ने ये फैसला लिया कि मौजूदा निवेशक या यूनिट होल्डर्स जिन्होंने नॉमिनेशन के विकल्प को नहीं चुना है उनके डिमैट खाते या म्यूचुअल फंड फोलियो अकाउंट को फ्रीज नहीं किया जाएगा. सेबी ने इसे लेकर 10 जून 2024 को एक सर्कुलर जारी किया है.
सेबी ने लिस्टेड कंपनियों या आरटीए द्वारा नॉमिनेशन के च्वाइस को सबमिट नहीं करने के चलते पेमेंट पर रोक लगा दिया था इंवेस्टर्स को पेमेंट का भुगतान कर दिया जाएगा. हालांकि सेबी ने साफ कर दिया है कि नए डिमैट खाताधारकों या म्यूचुअल फंड अकाउंट होल्डर्स को नॉमिनेशन के विकल्प को चुनने या नॉमिनी का नाम नहीं देने के विकल्प को भरना ही होगा. सेबी ने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स, एएमसी, आरटीए से कहा है कि वे डिमैट अकाउंट या म्यूचुअल फंड खाताधारकों को हर पखवाड़े ईमेल और एसएमएस के जरिए नॉमिनेशन के विकल्प को चुनने की जानकारी को अपडेट करें. मौजूदा निवेशक को नॉमिनी का नाम देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पॉप-अप प्रोवाइड किया जाएगा जिससे 1 अक्टूबर 2024 को डिमैट खाते या म्यूचुअल फंड अकाउंट में लॉगिन करने पर ये पॉप-अप मैसेज दिखने लगेगा.
वित्तीय मामलों के जानकार अशवनी राणा ने कहा, सेबी की ओर से ये बड़ी राहत है. पहले सेबी ने कहा था कि नॉमिनी का नाम नहीं देने वाले डिमैट खाताधारक और म्यूचुअल फंड ग्राहक के खाते फ्रीज हो जायेंगें और उसमें कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया जा सकेगा. लेकिन सेबी ने फरमान जारी कर साफ कर दिया है कि 30 जून तक जो लोग नॉमनी का नाम नहीं देंगे उनका खाता फ्रीज नहीं किया जाएगा और कस्टमर्स पहले जैसे ही ट्रांजैक्शन कर सकेंगे. अशवनी राणा ने कहा भले ही सेबी ने राहत दे दी हो लेकिन हर ग्राहक को डिमैट खाते या म्यूचुअल अंकाउंट में नॉमीनी का नाम जरूर देना चाहिए जिससे खाताधारक की मृत्यु होने पर आसानी से नॉमिनी को शेयर्स या म्यूचुअल फंड यूनिट ट्रांसफर किया सके. ऐसा नहीं करने पर नॉमिनी को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.