देहरादून
चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में अब कुछ कमी आई है। इसकी वजह से अब प्रशासन ने पंजीकरण से पहले की टोकन व्यवस्था को खत्म कर दिया है। ट्रांजिट कैंप में अब तीर्थयात्रियों का दबाव भी कम हो गया है। प्रतिदिन लगभग 2700 तीर्थयात्री पंजीकरण के लिए पहुंच रहे हैं। इनका पंजीकरण करवा कर सीधे यात्रा के लिए भेजा जा रहा है।
उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। 10 मई को केदारनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खोले गए।
कई गुना अधिक यात्री आने से हुई थी अव्यवस्था
धामों के कपाट खोलने के बाद से ही उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों का सैलाब उमड़ रहा है। भारी संख्या में तीर्थयात्री चारों धाम के साथ ही पंच केदार और दूसरे पर्यटक स्थलों तक जा रहे हैं। मई माह से अब तक उम्मीद से कई गुना अधिक यात्रियों के आने के चलते कई बार व्यवस्थाएं धड़ाम भी हुईं लेकिन पुलिस प्रशासन ने व्यवस्थाओं को किसी तरह से पटरी पर बना कर रखा।
पहले थी स्लॉट की व्यवस्था
यात्रा प्रशासन की ओर से 1 जून से 1,500 तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण का स्लॉट बनाया गया था। कुछ दिन बाद 2,000 का स्लॉट जारी किया गया फिर 3,000 किया गया। लेकिन बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में चार हजार का स्लॉट जारी करने की घोषणा कर दी। हालांकि बाद में इस बाध्यता भी खत्म कर दिया गया था।
अब रजिस्ट्रेशन के लिए मारामारी नहीं
पिछले तीन दिनों से ट्रांजिट कैंप में लगभग 2,600 से 2,700 तीर्थयात्री काउंटर पर पंजीकरण कराने के लिए पहुंच रहे हैं। ट्रांजिट कैंप परिसर में अब पंजीकरण के लिए मारामारी भी नहीं हो रही है। कम तीर्थ यात्रियों के आने से यात्रा प्रशासन ने अब पंजीकरण से पहले टोकन देने की व्यवस्था खत्म कर दी है। अब तीर्थयात्री सीधे काउंटर पर आकर पंजीकरण करवाकर चारधाम की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।
चारधाम यात्रा प्रशासन के ओएसडी नरेंद्र क्वीरियाल के अनुसार चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण से पहले की टोकन व्यवस्था को खत्म किया गया है। प्रतिदिन औसतन 2,600 से 2,700 तीर्थयात्री पंजीकरण करवाकर सीधे चारधाम की यात्रा पर जा रहे हैं।