गुवाहाटी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने फरमान जारी कर दिया है कि मंत्री, विधायक और अधिकारी बिजली का बिल खुद ही भरेंगे। उनका कहना है कि इसका मकसद VIP कल्चर को खत्म करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिजली की दरों को कम करने की कोशिश कर रही है। खास बात है कि असम सरकार ने रात 8 बजे के बाद सभी सरकारी दफ्तरों में बिजली अपने आप काटने का फैसला किया है।
सरमा ने लिखा, 'करदाताओं के रुपयों से सरकारी अधिकारियों के बिल भरने के VIP कल्चर को खत्म कर रहे हैं। मैं और मुख्य सचिव 1 जुलाई से हमारा बिजली का बिल भरकर मिसाल कायम करेंगे। जुलाई 2024 की शुरुआत से सभी शासकीय कर्मचारियों को उनकी तरफ से खर्च की गई बिजली का बिल खुद ही भरना होगा।'
सीएम सरमा में रविवार को 2.5 मेगावाट के नए सोलर पावर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि राज्य का मकसद बिजली के बिलों को 1 रुपये प्रति यूनिट कम करना है, ताकि समाज के गरीब वर्ग के लिए बिजली का इस्तेमाल आसान हो जाए। उन्होंने जानकारी दी है कि सरकार अगले साल अप्रैल तक 1 रुपये प्रति यूनिट करने का लक्ष्य रख रही है।
सरमा ने बताया है कि सरकार राज्य के सभी विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज की छतों का इस्तेमाल सोलर पैनल के लिए करने जा रहे हैं। उनका कहना है कि असम के 2 लाख से ज्यादा परिवारों ने अपने घरों में सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन दिया है। उन्होंने जनता से बिजली बर्बाद नहीं करने की अपीली की है, क्योंकि राज्य सरकार की तरफ से बड़ी राशि सब्सिडी में खर्च की जाती है।