मध्यप्रदेश

जल संकट से निजात दिलाने वरदान साबित हुई नर्मदा बेसिन परियोजना, तेंदूखेड़ा पहुंचा मां नर्मदा का जल

दमोह

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक में हर साल गर्मी में भीषण जल संकट होता है, लेकिन इस साल शुरू हुई नर्मदा बेसिन परियोजना क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुई। आलम यह रहा कि नगर परिषद के टैंकरों से पानी की सप्लाई नहीं करनी पड़ी। क्योंकि 90 प्रतिशत लोगों के घरों में पानी पहुंच रहा है। दूसरी सबसे बड़ी बात जहां-जहां लाइन में लीकेज था, वहां टंकियां बनवाई गई हैं, जिनमें पानी भरा होने से मवेशी भी अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

मार्च महीने में हुई शुरुआत
बता दें कि मार्च के महीने में यह योजना शुरू हुई और इस साल अन्य वर्षों की तुलना में ज्यादा गर्मी हुई। इसके बाद भी नगर में पानी की कमी नहीं आई। पानी प्रत्येक घर में पर्याप्त मात्रा में पहुंचा है। इसलिए इस वर्ष नगर परिषद की टैंकर सुविधा ही चालू ही नहीं हुई।

आखिर तेंदूखेड़ा पहुंच गया नर्मदा जल
दमोह जिले का तेंदूखेड़ा पहला ब्लाक है, जहां मां नर्मदा का जल पहुंचा है। नर्मदा नदी को जीवन दायनी कहा जाता। है तेंदूखेड़ा में भी इसी तरह के जीवन दाई कार्य हुए हैं, क्योंकि नगर के साथ जंगली क्षेत्रों में भी इस योजना का अच्छा लाभ मिला है। निर्माण कंपनी द्वारा नर्मदा का पानी तेंदूखेड़ा लाने के लिए जंगल, पहाड़, चट्टानों से होकर पहुंचाया गया है। बीच बीच में इन्होने एक ऐसा प्रयास किया। जिसका लाभ बेजुबान जानवरों और राहगीरों को भी पर्याप्त मात्रा में मिला है।

पाटन की टेक से लेकर नरगंवा गांव तक यह लाइन जंगली क्षेत्र से आई है जिसकी दूरी 15 किमी है। इस क्षेत्र में इस वर्ष से पहले कभी पानी नही था। गर्मियों के दिनों में यहां रहने वाले जानवर पानी के अभाव में दूसरी जगह भाग जाते थे, लेकिन इस वर्ष यह जानवर यहीं है। क्योंकि ठेकेदार ने जंगली क्षेत्र में दो से तीन जगह मामूली सा लीकेज होने पर उसके नीचे होदी बना दी है जिसमें पर्याप्त पानी रहता है जो जानवर और राहगीरों के लिए भीषण गर्मी में बरदान बना रहा।

दिख रहे कई तरह के जानवर
पाटन से नरगवा तक जगह-जगह पानी भरा होने से मवेशियों को भी इसका पूरा लाभ मिला है। इसलिए क्षेत्र में इस वर्ष कई तरह के जानवर दिखाई दिये, यहां तक की तेंदुआ ने भी पानी के कारण इसी मार्ग पर अपना रहवास बना लिया था। इसके अलावा नीलगाय, सियार और अन्य मवेशी यह प्रतिदिन सुबह शाम पानी पीते दिखाई देते है। जानवर, मवेशियों के अलावा जो राहगीर है, उनको भी यह योजना लाभदायक सिद्ध हुई है। जंगली क्षेत्र में आवागमन करने बाले राहगीर और चरवाहो को इस वर्ष पर्याप्त पानी भरा मिला है ।

नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि सतेन्द्र जैन का कहना है कि इस वर्ष नर्मदा का जल आने के बाद नगर में जल संकट की स्थिति नहीं बनी है। इसलिए टेंकर व्यवस्था पूरी तरह बंद रही। नर्मदा बेसिन योजना के प्रभारी अभिषेक पांडे ने बताया कि तेंदूखेड़ा नगर में 3400 कनेक्शन हो चुके है और सभी कनेक्शन में घर घर पानी पहुंच रहा है। जंगली क्षेत्र में जहां जहां लाइन थोड़ी बहुत लीकेज थी। वहां पर वन विभाग ने होदी बनवा दी थी। इसलिए वहां पर रहने बाले जानवर, मवेशियों और राहगीरों को आसानी से साफ सुथरा पानी मिल जाता है और 24 घंटे उनमें पर्याप्त पानी भरा रहता है।

Tags

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com