छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की रैली और सभा तेज बारिश की वजह से रद्द करना पड़ी।सीएम, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा तेज बारिश के बीच सीधा एसडीएम ऑफिस पहुंचे और बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह का नामांकन जमा कराया। साथ में छिंदवाड़ा सांसद विवेक बंटी साहू और अमरवाड़ा से पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रहीं मोनिका बट्टी भी मौजूद रहीं।
अमरवाड़ा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है। यहां से कमलेश शाह पहले कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। 29 मार्च को बीजेपी जॉइन करने पर उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
गोंगपा भी मैदान में, कांग्रेस ने अभी नहीं उतारा उम्मीदवार
अमरवाड़ा उपचुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) भी मैदान में है। 17 जून को पार्टी ने देव रावेन भलावी के नाम की घोषणा की है। देव रावेन भलावी गोंगपा से लोकसभा उम्मीदवार भी थे। उन्हें 55988 वोट मिले थे। उधर, कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य नवीन मरकाम और आंचलकुंड के सेवादार गणेश महाराज के नाम पर मंथन कर रही है।
1951 से अब तक भाजपा सिर्फ दो बार चुनाव जीती
अमरवाड़ा सीट के इतिहास की बात करें तो 1951 से लेकर अब तक भाजपा यहां सिर्फ दो बार चुनाव जीती है। 1990 में भाजपा के मेहमान शाह उईके इस सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे, जबकि 2008 में प्रेम नारायण ठाकुर चुनाव जीते थे। इससे पहले एक बार 1967 में भारतीय जनसंघ के एसजे ठाकुर ने चुनाव जीता था। 1951 से 2023 तक यहा 14 बार चुनाव हो चुका है, जिसमें 11 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इस लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस यहां मजबूत है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी को यहां बड़ा झटका लगा है। इस सीट पर उपचुनाव भी इसलिए हो रहा है क्योंकि कांग्रेस से लगातार तीसरी बार विधायक बने कमलेश शाह इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस लिहजा से इस बार का चुनाव कांग्रेस के लिए आसान रहने वाला नहीं है। उसके सामने अपना किला बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है।
भाजपा के पास एक सीट कब्जाने का मौका
छिंदवाड़ा जिले में सात विधानसभा सीटें हैं। इनमें जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौरई, सौसर, छिंदवाड़ा, परासिया और पांढुर्ना शामिल है। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिले की सभी सात सीटें जीतीं थी। अब अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, ऐसे में भाजपा की रणनीति है कि वह यह सीट जीतकर अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी पार्टी को मजबूत करे और कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के बाद एक और झटका दे।
भाजपा को शाह से कमल खिलाने की उम्मीद
भाजपा उम्मीदवार कमलेश शाह इस सीट से लगातार तीन बार विधायक बने हैं। लोकसभा चुनाव के बीच शाह के पार्टी में शामिल होने के समय भाजपा ने उन्हें उपचुनाव में उम्मीदवार बनाने का वादा किया था। पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया भी है। शाह का अमरवाड़ा सीट पर अच्छा प्रभाव है। वहीं, दूसरी तरह नकुलनाथ के छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता मायूस हैं, इसका फायदा भी पार्टी को मिल सकता है। भाजपा के कई नेता अमरवाड़ा जीतने की रणनीति बना रहे हैं। उसके तहत काम भी किया जा रहा है। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि शाह चुनाव जीतकर इस सीट पर कमल खिलाएंगे।
शाह ने नामांकन दाखिल किया
इधर, अमरवाड़ा सीट से भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह ने आज मंगलवार को नामांकन कर दिया है। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे। दरअसल, नामांकन से पहले सीएम यादव की यहां रैली और सभा होनी थी। लेकिन, बारिश और आंधी के कारण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री यादव समेत सभी नेता तेज बारिश के बीच एसडीएम कार्यालय पहुंचे और कमलेश शाह का नामांकन जमा कराया। इस दौरान छिंदवाड़ा सांसद विवेक बंटी साहू और मोनिका बट्टी भी मौजूद रहीं।
जानिए, कौन हैं राजा कमलेश शाह?
अमरवाड़ा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। इस सीट को कमलेश शाह परिवार का गढ़ माना जाता है। शाह हर्रई राजघराने के राजा हैं। इस राजघराने का गोंड आदिवासियों में काफी सम्मान है। इस क्षेत्र के गोंड आदिवासी आज भी शाह परिवार के वंशज को अपना राजा मानते हैं। शाह के दादा राजा उदयभान शाह और मां रानी शैल कुमारी भी इस सीट से कांग्रेस की विधायक रह चुकी हैं।
क्या है चुनाव कार्यक्रम?
अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 21 जून तक नामांकन पत्र जमा होंगे। यह प्रक्रिया 14 जून से शुरू हुई थी। 24 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, 26 तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकते हैं। 10 जुलाई को यहां मतदान होगा और इसके तीन दिन बाद 13 जुलाई को परिणाम घोषित किए जाएंगे।