नई दिल्ली
एक शोध से यह बात सामने आई है कि कम उम्र में कैंसर की बीमारी से पीड़ित मरीज को भविष्य में हृदय रोग (सीवीडी) के साथ अन्य तरह के कैंसर का खतरा बना रहता है। द लैंसेट रीजनल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध में 1958 के बाद से स्वीडन में 25 वर्ष से कम आयु के सभी लोगों का सर्वेक्षण किया गया, जो कैंसर के शिकार हुए थे।शोधकर्ताओं ने पाया कि कैंसर से बच गए लोगों में भविष्य में कैंसर होने की संभावना लगभग तीन गुना अधिक थी। वहीं, हृदय रोग (सीवीडी) होने की संभावना 1.23 गुना अधिक और दुर्घटनाओं, विषाक्तता और आत्महत्या का जोखिम 1.41 गुना अधिक था।
लिंकोपिंग विश्वविद्यालय में शोधकर्ता और नॉरकोपिंग में व्रिन्नेवी अस्पताल के कार्डियोलॉजी क्लिनिक में सलाहकार लैला हबर्ट ने कहा, यदि आपको बचपन या किशोरावस्था में कैंसर हुआ है, तो आपको भविष्य में लगभग सभी प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार कैंसर से बचे लोग अपने जीवन के बाकी हिस्सों में कमजोरी का सामना करते हैं। वह कई तरह की नई बीमारियों के जोखिम से घिरे रहते हैं।
मुख्य रूप से कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती है।
हबर्ट ने कहा कि इसका मतलब यह है कि मरीजों को प्लानिंग के तहत और फॉलो-अप एक्शन के साथ ही छुट्टी दी जानी चाहिए। इन जोखिम कारकों और बीमारियों की जल्द पहचान करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा शोध में यह भी पता चला कि युवावस्था में कैंसर के बाद बीमारी और मृत्यु के जोखिम में सामाजिक-आर्थिक कारक भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
शोध में उल्लेख किया गया है कि कम शिक्षा वाले, विदेशी पृष्ठभूमि वाले या अविवाहित रहने वालों के लिए जोखिम बढ़ जाता है। साथ ही यह भी पता चला है कि बच्चों और किशोरों में कैंसर के बाद बीमारी और मृत्यु का जोखिम पूरे स्वीडन में एक समान है।