भोपाल
चुनावी बुखार और गर्मी कम होने के साथ ही एक बार फिर आवश्यक वस्तुओं की महंगाई पर चर्चा शुरू हो गई है। गेहूं, दालें और आलू-टमाटर जैसी सब्जियां, जो हर घर की रसोई का अभिन्न हिस्सा हैं, की कीमतें पिछले कुछ समय से बढ़ रही हैं। देश का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक पर्व यानी चुनाव खत्म हो गया है और अब महंगाई तेजी से बढ़ती जा रही है। रसोई पर भी मंहगाई की मार पड़ रही है। आम आदमी की थाली से दाल और सब्जी गायब होने लगी है। दूध-दही के दामों में पहले ही इजाफा हो चुका है। अब आलू और टमाटर के भाव भी हाई हैं। दाल की कीमतें इस समय सातवें आसमान पर पहुंच गई हैं और आटा-चावल भी मंहगे होते जा रहे हैं।
जून के महीने में गर्मी के साथ-साथ महंगाई ने भी लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। दो जून की रोटी भी आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है। महंगाई के आकड़ों के ने सारी पोल खोल कर रख दी है। मई के महीने में थोक महंगाई दर बढ़कर 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। मई में थोक महंगाई दर 2.61 फीसदी पर पहुंच गया है। यह अप्रैल के महीने में केवल 1.26 पर्सेंट ही थी। लेकिन मई के महीने में ये बढ़कर 2.61 फीसदी हो गई है।
सरकारी आंकड़ो के मुताबिक, मई में खाने की चीजें भी 10 महीने के उच्चतम स्तर 9.82 फीसदी पर पहुंच गई। दाल हो या सब्जी, फल हो या तेल सभी की कीमतों में इजाफा हो रहा है। जून में पसीने छुड़ाने वाली गर्मी में महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद बहुत ही कम है।
दूध-सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी
जून महीने की गर्मी के बीच तेल, दूध, सब्जियां, आलू और प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। अमूल, पराग, मदर डेयरी जैसी डेयरी फर्म ने दूध, दही, पनीर आदि प्रोडक्टस की कीमते पहले ही बढ़ा दी हैं। खाने वाले तेल की कीमतों में भी हाल के दिनों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। प्याज की कीमतों में बीते एक हफ्ते में 50 पर्सेंट की तेजी आई है। आलू की कीमतों में भी काफी तेजी आई है।
अब आंकड़ों में महंगाई की बात करें तो खाद्य महंगाई दर 1.88 प्रतिशत बढ़ गई है तो सब्जियों की महंगाई दर 32.42 पर्सेंट हो गई है। प्याज की महंगाई दर 58.05 फीसदी हो गई है। आलू की महंगाई दर 64.05 प्रतिशत है। दालों की महंगाई दर 21.95 फीसदी है। पिछले एक हफ्ते में सब्जियों के दामों में काफी वृद्धि हुई है। दाल की कीमत चिकन से ज्यादा जा पहुंची है। हालात यह हैं कि पिछले 20 दिन से दाल के रेट लगातार चढ़ते ही जा रहे हैं। जो अरहर की दाल 180 रुपये किलो में मिल रही थी, उसके दाम आज 220 से 230 तक पहुंच गए हैं।
खाद्य महंगाई बढ़ने की आशंका
सांख्यिकी मंत्रालय (Statistics Ministry) के आंकड़ों के अनुसार, आशंका जताई जा रही है कि खाद्य महंगाई और भी ज्यादा बढ़ सकती है। अप्रैल के महीने में खाद्य महंगाई दर 8.7 हो गई थी। मार्च में यहीं दर 8.5 फीसदी रही थी। शहरी इलाकों के साथ – साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी महंगाई दर बढ़ती जा रही है। ग्रामीण इलाकों में भी महंगाई दर 8.75 फीसदी हो चुकी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आशंका जतायी थी कि भीषण गर्मी के कारण फलों और सब्जियों के दाम महंगे हो सकते है।
सब्जी महंगी होने की वजह?
आम आदमी की जेब पर महंगाई की मार पड़ने की कई वजहे हैं। प्रचंड गर्मी की वजह से खेतों में ही सब्जियां सूख रही हैं। पौधों में फल लगने के बाद गर्मी की वजह से झुलस रहे हैं। हरी सब्जियों पर मौसम की मार ज्यादा पड़ रही है। कोल्ड स्टोर में सब्जियों को रखने की जगह तक नहीं बची है। गर्मी की वजह से ही जल्दी सब्जियां खराब हो रही हैं। इतना ही नहीं सब्जियों की ढुलाई में भी मुश्किल आ रही है।