जगदलपुर
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में नए मंत्री मंडल यानी कि नये एमआईसी सदस्यों की घोषणा हो गई है, महापौर सफीरा साहू ने अपने मंत्री मंडल में उनके साथ बीजेपी में शामिल होने वाले 4 पार्षदों को इसमें जगह दी है, 10 विभाग वाले इस एमआईसी की सूची में 4 ऐसे पार्षदों को जगह मिली है जो पहले कांग्रेस में थे और उन्होंने महापौर के साथ बीजेपी में प्रवेश किया था.
यानी वे पहले कांग्रेस में थे और लोकसभा चुनाव के पहले पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिससे निगम में कांग्रेस की सरकार गिर गई, वहीं अन्य 6 मंत्रिमंडल में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्षद योगेंद्र पांडे, नरसिंह राव, आलोक अवस्थी, दयावती देवांगन ,भारती श्रीवास्तव और निर्मल पाणिग्रही को शामिल किया गया है. हालांकि इससे कुछ पार्षदों की उम्मीदों पर पानी जरूर फिर गया है.
अचानक निगम में सरकार पलट गई
साढ़े चार साल तक सत्ता में काबिज रहे कांग्रेस की सरकार में ऐन लोकसभा के पहले अचानक महापौर के पाला बदल लेने के बाद अचानक निगम में सरकार भी पलट गई. अब बीजेपी की महापौर सफीरा साहू ने अपनी नई एमआईसी भी तैयार कर ली है. ऐसे में अब कांग्रेस के पार्षद सदन में विपक्ष की भूमिका निभाएंगे, वही अब निगम में सत्ता परिवर्तन से कांग्रेस जल्द ही निगम नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर सकती है.
चार पार्षदों को एमआईसी में मिली जगह
दरअसल जगदलपुर नगर निगम के अंतर्गत कुल 48 वार्ड है, पिछले नगरीय निकाय चुनाव में इस नगर निगम में कांग्रेस के 28 पार्षदों ने चुनाव जीतकर निगम में अपनी सरकार बनाई थी, साथ ही प्रत्यक्ष रूप से महापौर का चुनाव करते हुए कांग्रेस की पार्षद सफिरा साहू को महापौर बनाया, हालांकि साढ़े 4 साल निगम में सरकार चलाने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की महापौर साफिरा साहू ने दल बदलते हुए अपने साथ चार अन्य कांग्रेसी पार्षदों के साथ मिलकर बीजेपी में प्रवेश कर लिया, हालांकि इस दौरान महापौर पर कांग्रेस के पार्षदों ने जमकर आरोप लगाए.
वहीं महापौर ने भी कांग्रेस के नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया, वहीं अब निगम चुनाव से कुछ महीने पहले ही जगदलपुर नगर निगम में सत्ता परिवर्तन हो गया है और अब यहां बीजेपी की सरकार बन गई है, वहीं कांग्रेसी पार्षदों के एमआईसी को भंग करते हुए महापौर ने नया एमआईसी सदस्य बनाया है, जिसमें उनके साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी प्रवेश करने वाले 4 पार्षदों को अपने एमआईसी में शामिल किया है.
कांग्रेस ने तय नहीं किया है अपना निगम नेता प्रतिपक्ष
साथ ही 6 बीजेपी के पार्षदों को एमआईसी का सदस्य बनाकर उनमें विभाग भी बंटवारा कर दिया है. इधर निगम के एमआईसी सदस्यों के बदले जाने और नगर निगम में बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब तक कांग्रेस ने अपना निगम नेता प्रतिपक्ष तय नहीं किया है, इधर एमआईसी बदलने से दोनों ही पार्टी के पार्षदों के बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.