हरदोई
हरदोई में पोस्टमार्टम हाउस में मुर्दो को भी नहीं छोड़ा। यहां पोस्टमार्टम के दौरान शव के जेवर उतारकर गायब करने, नकली जेवर पहना देने का मामला सामने आया है। महिला सिपाही की शिकायत के आधार पर हुई जांच के बाद आउटसोर्सिंग से कार्यरत दो कर्मचारियों को हटाया गया है। इनमें से एक कर्मचारी ने नकली जेवर पहनाए जाने की बात कहते हुए कई आरोप लगाए हैं। मामले की विस्तृत जांच के लिए सीएमओ ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है।
17 जून को पुलिस लाइन में तैनात महिला सिपाही निक्की ने सीएमओ डा. रोहताश कुमार से शिकायत की। बताया कि उनकी बहन पिंकी की मौत नौ अप्रैल को हो गई थी। उसका पोस्टमार्टम कराया गया था। पोस्टमार्टम के लिए ले जाते वक्त उसकी बहन के कान और नाक में सोने की बाली थी। पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचने पर शव देखा तो बाली गायब थीं।
सीएमओ उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुरेंद्र कुमार व सीएचसी अहिरोरी के अधीक्षक मनोज कुमार सिंह से जांच कराई। इसकी रिपोर्ट के बाद सीएमओ ने पोस्टमार्टम हाउस में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मी रूपेश पटेल और वाहिद को बर्खास्त कर दिया।
हटाए गए कर्मचारी ने जड़े आरोप
जांच के बाद हटाए गए कर्मचारी रूपेश ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस के अंदर कई कर्मचारी नकली जेवर रखते थे। वे मौका पाकर असली जेवर उतारने के बाद नकली जेवर शव को पहना देते थे। इसके बाद असली जेवर को बेचकर रकम को बांट लेते थे।
इनकी भी सुनिए
सीएमओ डाॅ. रोहताश कुमार का कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस में डेड बॉडी के गहने निकालने के मामले में प्रारंभिक जांच के बाद वार्ड ब्वाय रूपेश कुमार को बर्खास्त कर दिया गया था। साथ ही स्वीपर के भी खिलाफ कार्रवाई की गई। अब मंगलवार को चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इसमें नोडल अधिकारी डॉ. पंकज मिश्रा, डॉ. जितेंद्र कुमार. डॉ. मनोज सिंह और डॉ. सुरेंद्र सिंह को शामिल किया गया है। इस टीम की जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। यह टीम पोस्टमार्टम हाउस में लगे सीटीटीवी कैमरे की फुटेज भी जांचेगी।