इंदौर
मध्य प्रदेश में इंदौर (Indore) स्वास्थ्य विभाग ने दावा कि इस साल अब तक डेंगू के 10 से भी कम मामले आए हैं, लेकिन विभाग का ये दावा झूठा साबित हुआ है. पिछले छह महीने में डेंगू के 69 मामले सामने आ चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि निजी अस्पतालों में ये मामले आए.
साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी नहीं दी और जून के आखिरी हफ्ते में रिकॉर्ड अपडेट किया. वहीं अब किरकिरी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों से डेंगू के मामले समय रहते न बताने के लिए स्पष्टीकरण मांग रहा है.
इधर मई महीने तक स्वास्थ्य विभाग ने बताया की इंदौर में डेंगू का कोई भी मामला रिपोर्ट नहीं किया था. वहीं देपालपुर तहसील के सागरोद गांव में डेंगू के कुछ मामले सामने आने की बात विभाग ने जरूर कही थी. हैरत तो ये है कि स्वास्थ्य विभाग ने बीते 16 मई को ही राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया है. साथ ही यह दावा करके अपनी पीठ थपथपाई है कि इस साल 10 से भी कम मामले आए हैं.
जल्द शुरू होगा फॉगिंग अभियान
जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर दौलत पटेल ने मीडिया से कहा कि स्वास्थ्य विभाग अब शहर के कई इलाकों में डेंगू का असर कम करने के लिए फॉगिंग अभियान शुरू करने जा रहा है. वहीं निजी अस्पतालों को वार्निंग लेटर भी जारी किया गया है. पत्र में कहा गया है कि वे वेक्टर जनित बीमारियों के सभी मामलों की विभाग को समय पर सूचना दें, ताकि विभाग समय पर कार्रवाई कर सके.
डॉक्टर दौलत पटेल ने कहा कि कुछ निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों का इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना नहीं दे रहे हैं. डॉक्टर पटेल ने कहा, जब हमने उनसे पूछा, तो निजी अस्पतालों ने डेंगू के 69 मामले बताए. उन्होंने कहा कि अप्रैल में सबसे ज्यादा 17 मामले सामने आए थे. पिछले साल जून तक डेंगू के 28 मामले सामने आए थे और इस साल अब तक यह संख्या बढ़कर 69 हो गई है.
इधर बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के कई इलाकों में सघन लार्वा रोधी अभियान चलाने के बड़े-बड़े दावों की भी पोल खोल दी है. वहीं पिछले साल जनवरी में एक मामला इस साल छह, पिछले साल फरवरी में 16 ममाले इस साल 11, पिछले साल मार्च में दो मामले इस साल 13, पिछले साल अप्रैल में तीन मामले इस साल 17 मामले सामने आए.