भिंड
मध्य प्रदेश में अजीबोगरीब कारनामे होते रहते हैं। भिंड में तो एक पटवारी ने गजब ही कर दिया है। कलेक्टर के सामने फाइल लेकर अपनी जगह पर दो भाड़े के लड़कों को भेज दिया है। भाड़े के लड़के ही कलेक्टर को सरकारी फाइल दिखाते रहे। इस दौरान एक सवाल पर दोनों लड़के अटक गए तो कलेक्टर का माथा ठनका। इसके बाद पटवारी की लापरवाही खुलकर सामने आ गई। अब यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
फाइल लेकर भेज दिए किराए के लड़के
दरअसल, गुरुवार को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव बारिश के बाद क्षेत्र में हो रहे जल भराव के इलाकों का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उनके साथ सरकारी अमला भी था। वहीं, जब पटवारी के काम की बारी आई तो वहां दो लड़के मौजूद थे जो उनकी जगह पर भाड़े पर काम कर रहे थे। लड़के ही सारे सरकारी रिकॉर्ड्स को भी संभाले हुए थे और कलेक्टर के साथ घूमते रहे, जहां कलेक्टर को आवश्यकता पड़ी, वहां नक्शे भी दिखाएं। इस दौरान कलेक्टर को भनक तक नहीं लगी कि यह पटवारी है ही नहीं। मगर एक सवाल ने उनकी पोल खोल दी।
सब रह गए हक्के-बक्के
बताया जा रहा है कि दोनों लड़कों से जब कलेक्टर ने कुछ सवाल किया तो वह हक्के-बक्के रह गए। इस पर कलेक्टर ने कहा कि पूरे रिकॉर्ड लेकर मेरे ऑफिस आओ तो युवक ने जवाब दिया कि यह तो पटवारी बताएंगे। अचंभित होकर कलेक्टर ने पूछा तो फिर तुम कौन हो, जिस पर वहां मौजूद सभी अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। मौके पर मौजूद तहसीलदार भी इन लड़कों के साथ घूम रहे थे। इसके बाद कलेक्टर ने आदेश दिया कि इन लड़कों से सारे रिकॉर्ड वापस ले लो।
तहसीलदार ने रेकॉर्ड लेकर किए वापस
कलेक्टर के आदेश के बाद तहसीलदार ने तत्काल इन लड़कों से सरकारी रेकॉर्ड वापस ले लिए और कुछ देर अपने पास भी रखा। वहीं, थोड़ी देर बाद फिर देखने को मिला कि वे सारे रेकॉर्ड्स उन्हीं लड़कों को वापस कर दिए। हालांकि कलेक्टर का कहना है कि इस मामले में पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान बड़ी बात यह सामने आई तहसीलदार शर्मा लगातार पटवारी का बचाव करते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि लड़के पटवारी की बाइक चलाकर लाया होगा। जब पूछा कि पटवारी तो थे ही नहीं तो बोल के पटवारी आशीष त्रिपाठी साथ में ही थे। जबकि हकीकत में त्रिपाठी यहां नहीं थे।