भारत में चाय पीने वाले लोगों की कोई कमी नहीं है, पानी के बाद ये सबसे ज्यादा सेवन किया जाने वाला पेय पदार्थ है. सुबह से लेकर शाम तक लोग कई कप चाय पी जाते हैं, हालांकि इसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट हमेशा वॉर्निंग जारी करते रहते हैं. दूध और चीनी की चाय हद से ज्यादा पीने से डायबिटीज और कब्ज का खतरा बढ़ जाता है, यही वजह है कि कई लोग हेल्दी ऑप्शन के रूप में ब्लैक टी को चुनते हैं, लेकिन क्या काली चाय सुरक्षित है?
ब्लैड टी और नींबू का कॉम्बिनेशन
जो लोग दूध और चीनी वाली चाय के खतरे को पहचानते हैं, वो अक्सर ब्लैक टी का सेवन करते हैं और इसमें नींबू को मिलाना नहीं भूलते. गौरतलब है कि नींबू को विटामिन सी का रिच सोर्स माना जाता है, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करता है. यही वजह है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोग काढ़ा पीने पर जोर दे रहे थे, लेकिन ये हमेशा आपको फायदा पहुंचाए ये जरूरी नहीं है.
'किडनी को होगा नुकसान'
टीओआई की एक खबर के मुताबिक मुंबई के एक निवासी को पैरों में सूजन होने लगी थी, इसके अलावा उल्टी, भूख की कमी की शिकायत मिली. जांच में पाया गया कि उनकी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है. जब इस शख्स की डाइट हिस्ट्री निकाली गई, तो पता चला कि वो ब्लैक टी के साथ विटामिन सी का सेवन करते थे. हालांकि ये कोई इकलौता मामला नहीं है, ऐसे कई लोग हैं जो नींबू और काढ़ा पीकर अपनी किडनी को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
ऐसे खतरों को लेकर हो जाएं सतर्क
जो लोग हद से ज्यादा नींबू वाला काढ़ा पीते हैं उनका केरेटिनिन (Creatinine) बढ़ सकता है, जिसका लेवल आमतौर पर 1 से नीचे होना चाहिए. किडनी का काम शरीर के तरल पदार्थों में मौजूद गंदगी को साफ करना है, अगर इसमें किसी तरह की परेशानी आ जाए तो पूरे शरीर पर असर पड़ सकता है.
ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि कोई भी चीज का सेवन ज्यादा मात्रा में किया जाए तो सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. इसलिए आप डॉक्टर की सलाह के बाद सीमित मात्रा में ही काढ़ा पिएं. अगर विटामिन सी का इनटेक बढ़ेगा तो शरीर में ऑक्सिलेट की मात्रा में इजाफा होगा, जो किडनी इंफेक्शन और यहां तक कि किडनी फेलियर का कारण बन सकता है