देश

PM मोदी ने दी थी जी-20 से बाहर निकलने की धमकी; अमिताभ कांत का खुलासा

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को जी-20 देशों के समूह से बाहर निकालने की धमकी दी थी। इस बात का खुलासा भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने अपनी किताब ‘पावर विदिन: द लीडरशिप लिगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी’ के विमोचन के दौरान किया है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ ने प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े कई निजी किस्से याद किए।

उन्होंने कहा, “भारत में 2023 जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हम रूस-यूक्रेन युद्ध का सामना कर रहे थे। 300 घंटे की बातचीत हुई और 16 मसौदे शामिल किए गए। प्रधानमंत्री को हर दो घंटे में रिपोर्ट मिल रही थी।” उन्होंने कहा कि भारत ने अंतिम क्षण में भी अमेरिका और चीन के तनावपूर्ण संबंधों के कारण उनकी मांगों को संतुलित किया।

उन्होंने खुलासा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री सुबह करीब आठ बजे भारत मंडपम आए। मैं बैठक की प्रक्रिया का विवरण दे रहा था। उन्होंने मुझे बीच में ही रोककर संयुक्त घोषणा के बारे में पूछा। मैंने उन्हें सारी जानकारी दी। प्रधानमंत्री स्पष्ट थे। वे आम सहमति चाहते थे। अन्यथा भारत उसी दिन जी-20 से बाहर हो जाता।"

उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त घोषणा से दो घंटे पहले कुछ अड़चनें थीं। लेकिन भारत उन्हें दूर करने में कामयाब रहा। अमिताभ कांत ने कहा कि यह सिर्फ़ प्रधानमंत्री के कद और प्रतिष्ठा की वजह से संभव हुआ।

पीरामल समूह के अजय पीरामल ने इस दौरान बताया कि 2013 में जब नरेंद्र मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया था, तो उन्होंने भारत की वित्तीय स्थिति और आगे बढ़ने के आदर्श तरीके के बारे में जानने के लिए अर्थशास्त्रियों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ पांच घंटे की मैराथन बैठक की थी। इस पांच घंटे के दौरान कई लोगों ने ब्रेक लिया, वहीं मोदी ने नहीं लिया।

डिजिटल पेमेंट पर पीएम
अमिताभ कांत ने एक और किस्सा सुनाया कि किस तरह भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली आज इस मुकाम पर पहुंची है। उन्होंने कहा, "नोटबंदी के बाद मुझे प्रधानमंत्री का फोन आया और उन्होंने कहा, 'डिजिटल भुगतान को आगे बढ़ाएं'। उन्होंने हमें 100 दिनों में 100 शहरों में 100 डिजिटल मेले आयोजित करने के लिए कहा। लेकिन यह बेहद कठिन था। मैंने स्लाइड शो के दौरान प्रधानमंत्री से इस पर पुनर्विचार करने का तीन बार अनुरोध किया। हर बार उन्होंने सुनने से इनकार कर दिया। आज हम जितने डिजिटल लेन-देन करते हैं, वह 100 दिनों में 100 शहरों में 100 डिजिटल मेले आयोजित करने पर उनके आग्रह के कारण है। यह उनका विजन है।"

अजय पीरामल ने कहा, “किसी भी प्रधानमंत्री के पास चिंता करने के लिए बहुत सी चीजें होती हैं। लेकिन वह भारत के 112 सबसे कम विकसित जिलों के बारे में सोच रहे थे और उन्हें ऊपर उठा रहे थे। यही नेतृत्व है।”

आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर बी महादेवन ने गीता से उदाहरण उधार लेते हुए नेतृत्व की गुणवत्ता पर बात की। उन्होंने कहा, “मैं अक्सर यह बताता हूं कि अर्जुन एक नेता के रूप में असफल क्यों हुआ, क्योंकि वह अंदर से असफल था। यह पुस्तक उस पहलू के बारे में बात करती है।”

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com