लखनऊ
2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सीटों में कमी और अप्रत्याशित काम के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब इसकी समीक्षा को लेकर सक्रिय हो गया है. दत्तात्रेय होसबोले की मौजूदगी में लखनऊ में संघ की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में कई पहलुओं पर चर्चा हुई. संघ का मानना है कि इस हार की वजह युवाओं में बेरोजगारी और पेपर लीक को लेकर बढ़ता गुस्सा है. ऐसे में संघ ने अब रोजगार जैसे मुद्दों पर काम करने का फैसला किया है.
चुनाव के नतीजों के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत जून के मध्य में 5 दिनों के लिए गोरखपुर आए थे. उस दौरान मौजूदा राजनीतिक हालात और सामाजिक सरोकारों पर चर्चा हुई थी. उसके बाद 26 जून से लखनऊ में पूर्वी क्षेत्र के संघ के पदाधिकारियों की चार दिवसीय समीक्षा बैठक हो रही है. इन समीक्षा बैठकों का उद्देश्य उन जगहों पर संघ की शाखाओं का विस्तार करना है, जहां अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं.
यूपी में भाजपा की हार का मुख्य कारण सपा-कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक द्वारा दलितों और पिछड़े वर्गों के वोट बैंक में सेंधमारी माना जा रहा है. संघ और भाजपा का मानना है कि यह वोट बैंक बिखरकर सपा के पाले में चला गया. इसी परिप्रेक्ष्य में संघ अब दलितों और पिछड़े वर्गों में पैठ बढ़ाने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. अब इन समुदायों पर ज्यादा कार्यक्रमों की कवायद की जा रही है.
फिलहाल तीन दिवसीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें RSS के आंतरिक कार्यक्रमों और कार्यों की समीक्षा की गई और उसके विस्तार पर चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक संघ पहली बार रोजगार बढ़ाने की योजना पर काम करने जा रहा है. इसमें RSS से जुड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों के बीच रोजगार सृजन को लेकर चर्चा होगी और कुटीर उद्योग पर ज्यादा जोर रहेगा.
दूसरी ओर बताया जा रहा है कि RSS, स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए भी काम करेगा. इस काम के लिए संघ की राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी बुलाई गई है. इस बैठक में स्थानीय समुदाय को साथ लेकर चलने पर जोर दिया गया. साथ ही कहा गया कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना पर जोर दिया जाना चाहिए. साथ ही स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई. अब दलितों और पिछड़े वर्गों के साथ-साथ युवाओं को भी अधिक से अधिक जोड़ने का काम किया जाएगा.
खास बात ये है कि संघ के जिला प्रचारकों के साथ बैठक में यह भी तय हुआ है कि अब संघ कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी अपना काम बढ़ाएगा. इसके लिए सभी जिलों में छात्र शाखाएं लगाई जाएंगी. इसके अलावा संपर्क अभियान में भी तेजी लाई जाएगी और छात्रों को जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए संघ नए प्रचारकों को प्रशिक्षण देगा. इसी तरह युवा और व्यापारियों के लिए अलग से शाखाएं शुरू करने का बड़ा कदम जल्द उठाया जाएगा.