नई दिल्ली
टीम इंडिया का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म हो गया है। भारत ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब अपने नाम कर लिया। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने बारबाडोस में खेले गए फाइनल में साउथ अफ्रीका को 7 रन से शिकस्त दी। भारत ने 176/7 का स्कोर बनाया और साउथ अफ्रीका ने निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट पर 169 रन जुटाए। भारत ने इससे पहले 2013 में एमएस धोनी की कप्तानी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। वहीं, भारत ने धोनी के नेतृत्व में 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीता था। भारत ने दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया है। चलिए, आपको भारत की जीत के 6 सूरमा के बारे में बताते हैं, जिन्होंने साउथ अफ्रीका का कचूमर निकाला।
विराट कोहली
विराट कोहली का बल्ला आखिरकार खिताबी जंग में चला। सेमीफाइनल तक सात मैचों में महज 75 रन बनाने वाले कोहली ने फाइनल में 76 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने 59 गेंदों का सामना करने के बाद 6 चौके और 2 छक्के लगाए। भारत ने 34 रन पर तीन विकेट खो दिए थे और ऐसे में कोहली ने मोर्चा संभाला। उन्होंने अक्षर पटेल के संग 72 और शिवम दुबे के साथ 57 रन की साझेदारी की और भारत को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया। उन्हें फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया। कोहली ने भारत के ट्रॉफी जीतने के साथ ही टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया।
अक्षर पटेल
ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने मुश्किल हालात में कोहली का बखूबी साथ दिया। वह फिफ्टी से चूक गए। उन्होंने 31 गेंदों में चार सिक्स और एक चौके के जरिए 47 रन बनाए। वह रनआउट हुए। अक्षर गेंद से उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाए। उन्होंने चार ओवर के स्पेल में 49 रन खर्च किए। अक्षर ने 15वें ओवर में 24 रन लुटा दिए थे, जिससे भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई थी। हालांकि, उन्होंने ट्रिस्टन स्टब्स (21 गेंदों में 31) के रूप में भारत को एक अहम सफलता दिलाई।
जसप्रीत बुमराह
भारत के धाकड़ तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया। उन्होंने ना सिर्फ किफायती गेंदबाजी की बल्कि दो खतरनाक खिलाड़ियों को पवेलियन की राह दिखाई। उन्होंने चार ओवर के स्पेल में सिर्फ 18 रन दिए। बुमराह ने ओपनर रीजा हेंड्रिक्स (4) और ऑलराउंडर मार्क जानसन (2) को बोल्ड किया। बुमराह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने। उन्होंने 8 मैचों में 15 शिकार किए। वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की फेहरिस्त में तीसरे स्थान पर रहे।
हार्दिक पांड्या
ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (दो गेंदों में नाबाद 5) को फाइनल में बल्लेबाजी का अधिक मौका नहीं लेकिन उन्होंने गेंदबाजी में जबर्दस्त छाप छोड़ी। हार्दिक ने तीन ओवर डाले और 20 रन खर्च करने बाद तीन विकेट चटकाए। उन्होंने हेनरिक क्लासेन (27 गेंदों में 52), डेविड मिलर (17 गेंदों में 21) और कगिसो रबाडा (4) का शिकार किया। हार्दिक ने 17वें ओवर में क्लासेन को पंत के हाथों कैच करवाकर भारत की मैच में वापस कराई। साउथ अफ्रीका को आखिरी ओवर में जीत के लिए 16 रन चाहिए थे लेकिन हार्दिक ने केवल 8 रन खर्च किए।
सूर्यकुमार यादव
सेमीफाइनल में शानदार बैटिंग करने वाले सूर्यकुमार यादव का बल्ला खिताबी मुकबाले में खामोश रहा। उन्होंने चार गेंदों में 3 रन बनाए। लेकिन सूर्या ने डेविड मिलर का कैच पकड़कर सभी का दिल जीत लिया। इस कैच से साउथ अफ्रीका की उम्मीदें लगभग समाप्त हो गईं। हार्दिक ने 20वें ओवर की पहली गेंद ऑफ स्टंप की लाइन में लो फुल टॉस डाली, जिसके बाद मिलर ने लॉन्ग ऑफ की दिशा में शॉट मारा। सूर्या ने बाउंड्री पर पहले दौड़कर गेंद को पकड़ा और जब बैलेंस बिगड़ने लगा तो गेंद को हवा में उछाल दिया। उन्होंने फिर अंदर आकर कैच कंप्लीट किया।
रोहित शर्मा
'हिटमैन' के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने फाइनल में महज 9 रन बनाए लेकिन उनकी कप्तानी कमाल की रही। उन्होंने प्रेशर का लेवल हाई होने के बावजूद सूझबूझ दिखाई। रोहित ने खासकर आखिरी के पांच ओवर में साउथ अफ्रीका को बैकफुट पर रखा। अक्षर के महंगा ओवर करने के बाद जब साउथ अफ्रीका टीम थोड़ी हवाई हुई तो रोहित ने बुमराह को गेंदबाजी के मोर्चा पर लगाया। बुमराह ने 16वें ओवर में चार रन दिए, जिससे साउथ अफ्रीकी खेमा पर दबाव बढ़ता चल गया। साउथ अफ्रीका को अंतिम पांच ओवर में 30 रन की जरूरत थी और भारतीय गेंदबाजों ने 20 रन खर्च किए। भारत के चैंपियन बनने के बाद रोहित इमोशनल हो गए।