नई दिल्ली
हर किसी क्रिकेटर की ख्वाहिश होती है कि वह दुनियाभर में अपना नाम बनाए, अगर बल्लेबाज है तो रनों का अंबार लगाए, गेंदबाज है तो सबसे ज्यादा विकेट चटकाए…मगर एक क्रिकेटर का करियर तब तक अधूरा है जब तक उसके पास कोई ट्रॉफी नहीं है। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने 29 जून को बारबाडोस में टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीत इस सूखे को भी खत्म नहीं किया। ऐसा नहीं है कि इन दोनों दिग्गजों ने इससे पहले ट्रॉफी नहीं जीती हो। रोहित 2007 टी20 वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा रहे हैं तो विराट कोहली ने 2011 वर्ल्ड कप का खिताब जीता है…मगर तब यह दोनों ही खिलाड़ी काफी युवा थे और तब उनके खिताब जीतने के मायने वो नहीं थे जो अब टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद है।
टी20 वर्ल्ड कप का यह खिताब रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिए काफी खास है, क्योंकि यह उनकी उस मेहनत का इनाम है जो इन्होंने पिछले कई सालों में की है। रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीतने के बाद इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है। इसी के साथ कोच राहुल द्रविड़ का भी टीम इंडिया के साथ कार्यकाल समाप्त हो गया है। ऐसे में इन तीनों दिग्गजों की विदाई को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
रोहित शर्मा, विराट कोहली और राहुल द्रविड़ की इस विदाई को क्रिकेट जगत में एक युग का अंत बताया जा रहा है। विराट कोहली के 2021 में कप्तानी छोड़ने के बाद रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान टीम का कार्यभार संभाला था, वहीं राहुल द्रविड़ हेड कोच के रूप में टीम से जुड़े थे। इन तीनों ही सीनियर खिलाड़ियों ने मिलकर भारत को आईसीसी ट्रॉफी जीताने का भरसक प्रयास किया, मगर उनका सफर आसान नहीं रहा, अधिकतर मौकों पर उन्हें निराशा मिली पर इन्होंने हार नहीं मानी। 2022 टी20 वर्ल्ड कप में भारत को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और 2023 वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को धूल चटाकर ट्रॉफी जीतने का सपना तोड़ा।
जब कोई टीम लगातार इतने टूर्नामेंट हारती है तो खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ का हौसला टूट जाता है। टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठने लगते हैं कप्तान और कोच बदलने लगते हैं। मगर भारतीय क्रिकेट में ऐसा नहीं हुआ। बोर्ड ने उसी कप्तान, उसी कोच और उन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया और ये सभी इस भरोसे पर खरे उतरे।