धार
ऐतिहासिक भोजशाला का सर्वे पूरा होने के बाद अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम गहन रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। यह रिपोर्ट गहन होगी, जिसमें सर्वे के दौरान मिले पुरावशेषों के बारे में विस्तृत व शोधपरक जानकारी शामिल की जाएगी। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अकेले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया हैदराबाद ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की रिपोर्ट पर ही 650 स्लाइड तैयार की हैं। बुधवार को भी एएसआई की टीम भोजशाला पहुंची। रिपोर्ट बनाने को लेकर कार्य तेज कर दिया गया है।
4 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई
बता दें कि 27 जून को सर्वे बंद होने के बाद रिपोर्ट 2 जुलाई को हाई कोर्ट में प्रस्तुत की जानी थी। एएसआई की ओर से कोर्ट में 4 सप्ताह का अतिरिक्त समय रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मांगा गया है। मामले की सुनवाई 4 जुलाई को होनी है।
जैन समाज का भी दावा
इसी दिन कोर्ट तय करेगी कि एएसआई को रिपोर्ट पेश करने के लिए समय दिया जाए या नहीं। जैन समाज की एक संस्था के पदाधिकारी की ओर से दाखिल याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी। इसमें उन्होंने भोजशाला के जैन समाज का स्थल होने का दावा किया है।
भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट में व्यापकता रहेगी। 194 स्तंभों के 8-8 फोटो लिए गए हैं। यह तो केवल एक उहाहरण मात्र है। इस तरह से कई भागों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की गई है। शिलालेखों का अनुवाद किया गया है। प्राप्त करीब 1700 अवशेषों की विशेषज्ञों की रिपोर्ट है। इस तरह से रिपोर्ट व उसके सहयोगी दस्तावेज हजारों पेज में पहुंचने का अनुमान है, इसलिए समय भी लग रहा है। अभी भी टीम धार के साथ भोपाल व दिल्ली में भी समानांतर रिपोर्ट बनाने के कार्य में जुटी हुई है।