विदेश

टोक्यो में मिले जयशंकर और मोटेगी, भारत और जापान ने अधिक सक्रिय सहयोग की नई रणनीति बनाई

भारत और जापान के विदेश मंत्री के बीच एक अहम रणनीतिक वार्ता हुई. जिसमें दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार-निवेश और कनेक्टिविटी से लेकर रक्षा साझेदारी समेत अनेक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर बात की.

भारत और जापान के विदेश मंत्री ने आज टोक्यो में एक अहम रणनीतिक वार्ता की मेज पर मिले. विदेश मंत्री डॉ जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष तोशिमित्सु मोटेगी के बीच हुई इस बैठक में दोनों देशों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर बात की. साथ ही द्विपक्षीय व्यापार-निवेश और कनेक्टिविटी से लेकर रक्षा साझेदारी समेत अनेक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर बात की.

इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच वैश्विक आपूर्ति चेन में चीन का मजबूत विकल्प देने के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई. भारत-जापान रणीतिक वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश इस बात को लेकर एकमत थे कि एक मुक्त और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र तभी सम्भव है जब ग्लोबल सप्लाई चेन को अधिक मजबूत और विविध बनाया जाए. इसके लिए भारत-जापान और ऑस्ट्रेलिया अन्य समान विचार वाले देशों को साथ जोड़कर प्रयास करेंगे.

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान की साझेदारी कोविड-19 संकट से उबरने में एक अहम भूमिका निभा सकती है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि विदेश मंत्री मोटेगी से चर्चा के दौरान मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने और कौशल विकास, सूचना संचार प्रौद्योगिकी व स्वास्थ्य का लेकर सहयोग को लेकर बात हुई. इसके अलावा भारत और जापान मिलकर तीसरे मुल्क में विकास परियोजनाओं पर काम करेंगे.


विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक कोरोना संकट के बाद की दुनिया में उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और जापान ने सायबर स्पेस से लेकर 5G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अहम मोर्चों पर भी सहयोग बढ़ाने को लेकर सहमति जताई. दो मंत्रियों ने दुनिया में एक मजबूत और लचीली डिजिटल व्यवस्था और साइबर सिस्टम की जरूरत पर ज़ोर दिया है.

सूत्रों के मुताबिक भारत और जापान के बीच हुई विदेशमंत्री वार्ता में लद्दाख में चीनी सेना के आक्रामक तेवरों से लेकर पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में पीएलए के पैंतरों पर भी बात हुई. महत्वपूर्ण है कि भारत जहां बीते करीब 5 महीनों से लद्दाख में चीनी सेना के आक्रामक तेवरों से मुकाबला कर रहा है वहीं पूर्वी चीन सागर में जापान को भी चीनी दादागिरी का मंजर देखना पड़ रहा है.

भारत और जापान ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था व यूएन तंत्र में सुधारों की वकालत करते हुए इस बारे में भी अधिक सक्रियता और समन्वय के साथ काम करने पर प्रतिबद्धता जताई है.

About the author

NEWSDESK

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com