Gold Silver Update: मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (Multi-Commodity Exchange) पर सोने के भाव में शुक्रवार को तेजी देखने को मिल रही है. लेकिन, अगस्त में उच्चतम स्तर की तुलना में देखें तो इसमें करीब 6,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई है
वैश्विक बाजार के आधार पर आज घरेलू बाजार में सोने-चांदी की कीमतों (Gold-Silver Price) में शुक्रवार को तेजी देखने को मिली. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का दिसंबर वायदा भाव (Gold Future Rate) 0.8 फीसदी बढ़कर 50,584 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. जबकि, चांदी वायदा भाव (Silver Future Rate) भी 1.8 फीसदी चढ़कर 61,605 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. इसके पहले सत्र में सोने में 142 रुपये व चांदी में 0.17 फीसदी की मामूली बढ़त देखने को मिली थी.
अगस्त में उच्चतम स्तर पर थे दोनों धातुओं के दाम
इस साल अगस्त में दोनों कीमती धातुओं के भाव उच्चतम स्तरपर पहुंच गए थे. अगस्त में 10 ग्राम सोने का भाव 50,200 रुपये और चांदी का भाव 80,000 रुपये तक पहुंच गया था. लेकिन, सितंबर महीने में दोनों कीमती धातुओं के दाम में गिरावट देखने को मिली है. इस प्रकार सोने के दाम में करीब 6000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई है.
कमजोर डॉलर ने गोल्ड को किया सपोर्ट
वैश्विक बाजार में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर नये राहत पैकेज के ऐलान के बाद सोने का सेंटीमेंट साकारात्मक रहा. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि राहत पैकेज को लेकर कांग्रेस से चर्चा शुरू हो चुकी है. वहीं कमजोर डॉलर से भी पीली धातु को फायदा हुआ है. स्पॉट गोल्ड का भाव करीब 1,898 डॉलर प्रति आउंस रहा. डॉलर इंडेक्स में 0.2 फीसदी की गिरावट रही है. यह लगातार दूसरा सप्ताह रहा जब डॉलर में गिरावट देखने को मिल रही है. सोने को आमतौर पर महंगाई से निपटने में सहायक माना जाता है.
बढ़ सकती है सोने की खरीद
कोटक सिक्योरिटीज का मानना है कि अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव और इक्विटी मार्केट की हलचत को देखा जाए तो सोने के भाव में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. हालांकि, न्यूनतम भाव पर हमें सोने की खरीद में इजाफा देखने को मिल सकता है. दरअसल, कमजोर डॉलर के बीच अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता जारी रहेगी.
केंद्रीय बैंकों ने कम की सोने की खरीद
दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने भी सोने की खरीद को कम कर दिया है. एक आंकड़े के मुताबिक, अगस्त में इन केंद्रीय बैंकों ने खरीद से ज्यादा सोने की बिक्री की है. इसके पहले करीब डेढ़ साल तक केंद्रीय बैंकों ने लगातार सोना खरीदा था. सोने के दाम में लगातार होने वाले इजाफे का एक कारण यह भी है.