भोपाल के पास मजीदगढ़ गांव में प्रस्तावित डैम के निर्माण को लेकर ग्रामीण उग्र हो गए। मौके पर सर्वे करने पहुंचे जन संसाधन विभाग के अमले और अधिकारियों को उनके गुस्से का सामना करना पड़ा। उग्र भीड़ ने हमला कर सरकारी गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी। किसी तरह जान बचाकर भागे अमले और अफसरों ने दो दिन बाद थाने पहुंचकर ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज कराया। डैम में भोपाल के साथ ही विदिशा के कुछ गांव डूब में आ रहे हैं। ग्रामीण पहले तय मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
नजीराबाद के मजीदगढ़ गांव में एक डैम प्रस्तावित है। यह डेम जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया जा रहा है। थाना प्रभारी बीपी सिंह के मुताबिक ग्राम खेड़ली मजीदगढ़ में डैम का निर्माण कार्य के लिए 7 अक्टूबर को विभाग के अधिकारी और अमला वहां सर्वे करने पहुंचा। उन्होंने टेंट लगाकर अपना काम शुरू कर दिया। यहां पर नजीराबाद से ज्यादा विदिशा के लटेरी के गांव आ रहे हैं। ऐसे में वहां पर ग्रामीण जमा हो गए। पहले तो उनके बीच बातचीत हो रही थी, लेकिन फिर कहासुनी होने लगी। देखते ही देखते ग्रामीण उग्र हो गए। उन्होंने हमला कर दिया। अमले और अफसरों को वहां से भागना पड़ा। ग्रामीणों ने सभी शासकीय गाड़ियों में तोड़फोड़ कर टेंट उखाड़ दिया।
मीटिंग के बाद एफआईआर करवाई
घटना के बाद जन संसाधन विभाग ने इस पूरी घटना को गंभीरता से लिया और उच्ची स्तरीय मीटिंग बुलाई गई। बैठक के बाद इस मामले में ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर करवाने का निर्णय लिया गया। जल संसाधन विभाग के अधिकारी रामप्रसाद शर्मा ने दो दिन बाद थाने पहुंचकर शिकायत की। पुलिस ने शिवराज मीणा, तूफान मीणा, हरि सिंह, भगवान सिंह और अजब सिंह के खिलाफ बलवा समेत आधा दर्जन से अधिक धाराओं में एफआईआर की।
एक सामान मुआवजा चाहिए
पुलिस के अनुसार अधिकांश ग्रामीण प्रशासन की मदद कर रहे हैं, जबकि कुछ इसका विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि भोपाल के अनुसार ही विदिशा के लिए मुआवजा एक सामान दिया जाना चाहिए। जिस जगह डेम बनना है, वहां पहले से लोगों रहते हैं। ग्रामीणों ने डेम का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें पहले मुआवजा दिया जाए और वह मिलने के बाद भी काम शुरू हो। हालांकि पुलिस के अनुसार इसमें कोई घायल नहीं हुआ।