सीबीआई के वकील सुनील कुमार वर्मा का आरोप है कि डीआईजी राघवेंद्र वत्स, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) के केस में आरोप तय न होने से नाराज़ थे. इसलिए सीबीआई दफ्तर में उनके साथ बदसलूकी हुई.
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) के एक वकील ने डीआईजी राघवेंद्र वत्स (Raghavendra Vatsa) पर पिटाई और गला दबाने का आरोप लगाया है. वकील सुनील कुमार वर्मा का आरोप है कि सीबीआई मुख्यालय में उनके साथ मारपीट की गई. उन्होंने लोधी कॉलोनी थाने में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है. अपनी शिकायत में सीबीआई के वकील ने आरोप लगाया कि डीआईजी राघवेंद्र वत्स, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) के केस में आरोप तय न होने से नाराज़ थे. राजेंद्र कुमार के खिलाफ 12 करोड़ के घोटाले का केस चल रहा है, इसलिए सीबीआई दफ्तर में उनके साथ बदसलूकी हुई.
सीबीआई के वकील सुनील कुमार वर्मा ने सोमवार को कोर्ट में भी ये बात बताई. सुनील कुमार वर्मा ने अपनी शिकायत में ये भी कहा कि 9 अक्टूबर को सुबह करीब 10:30 बजे डीआईजी ने उन्हें चेहरे पर घूसा मारा और डांटते हुए बैठकर बात करने को कहा. कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए सीबीआई के डीआईजी को समन जारी किया है. डीआईजी को 19 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होकर सफाई देने के लिए कहा गया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस मामले में जांच चल रही है और जांच के बाद ही कार्रवाई होगी.
इस मामले में सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि जिस पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (सीबीआई के वकील) ने थाने में शिकायत की है, उन्होंने इससे पहले डीआईजी के बड़े अधिकारी यानी जॉइंट डायरेक्टर से कोई शिकायत नहीं की थी. वकील के पुलिस में जाने से पहले ही DIG ने अपने JD (ज्वाइंट डायरेक्टर) से वकील द्वारा की गई बदसलूकी के बारे में लिखित शिकायत दी है. सीबीआई ने एक फैक्ट फाइंडिंग की जांच के आदेश दे दिए हैं.
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि डीआईजी राघवेंद्र वत्स एक शालीन अफसर हैं. उनके खिलाफ ऐसे आरोप पहले कभी नहीं लगे हैं. ये आरोप मौजूदा जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने के इरादे से लगाए गए हैं.
क्या है राजेंद्र कुमार का मामला?
बदा दें कि अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार पर आईसीएसआईएल (इंटेलिजेंट कम्यूनिकेशन सिस्टम्स इंडिया लि.) के जरिए एक कंपनी को कथित तौर पर करीब 9.50 करोड़ रुपये के ठेके दिलाने में मदद करने का आरोप है. राजेंद्र कुमार 1989 बैच के आईएएस अफसर हैं. अरविंद केजरीवाल के दोबारा सत्ता में आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया था.