अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ प्रोपेगेंडा वॉर (Propganda War) शुरू कर दिया है. अजरबैजान के डिफेंस मिनस्ट्री ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में यह दिखाया गया है कि अजरबैजान के सैनिकों को बेहरतीन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.
बाकू. आर्मेनिया (Armenia) और अजरबैजान (Azerbaijan) के बीच पिछले 16 दिनों से युद्ध चल रहा है. इसमें अबतक करीब 600 लोगों के मारे जाने की भी खबर है. अब अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ प्रोपेगेंडा वॉर (Propganda War) शुरू कर दिया है. अजरबैजान के डिफेंस मिनस्ट्री ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में यह दिखाया गया है कि अजरबैजान के सैनिकों को बेहरतीन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. उनके सैनिक साफ-सुथरे और बेहतरीन मेस में खाना खाते हैं. उनके वाहनों में केबिन में सैलून, खूब साफ-सुथरे बाथरूम, एयरकंडीशन लगे कमरे में रहने की व्यवस्था दिखाई जाती है
वीडियो में सैनिकों के लिए ताजी सब्जियां पकाई जा रही है
अजरबैजान के जाबांज सैनिकों के लिए रसोइये युद्ध क्षेत्र में सैनिकों के लिए ताजी सब्जियां पकाते हुए वीडियो में दिखाई दे रहे हैं. अजारबैजान के रक्षा मंत्रालय ने यह वीडियो आर्मेनियाई सैनिकों पर मानसिक दबाव डालने के लिए जारी किया है.
संघर्ष विराम के कुछ घंटों बाद दोनों ने युद्ध शुरू दिया
10 अक्टूबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मध्यस्थता के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा कर दी गई थी लेकिन कुछ घंटों के बाद दोनों ने शांति भंग युद्ध शुरू कर दिया है. रूस की मध्यस्थता के बाद दोनों देशों को सैनिकों के शव और युद्ध बंदियों की अदला बदली करनी थी. नागोर्नो-काराबाख के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को उनके 16 कर्मी युद्ध में मारे गए. इसके साथ ही 27 सितंबर को शुरू हुई लड़ाई में उसके 532 सैनिकों की मौत हो चुकी है. अजरबैजान ने कहा कि गत दो हफ्तों की लड़ाई में उसके 42 आम नागरिक मारे गए हैं.
दोनों देश 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं. नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है. 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया. आर्मेनिया के इस कब्जे को अजरबैजान ने सिरे से खारिज कर दिया है और करीब तीन दशकों से यहां दोनों देशों के बीच कुछ समय के अंतराल पर अक्सर संघर्ष होते रहते हैं.