विदेश

भारत ही नहीं, इन 21 देशों के साथ है चीन का सीमा पर विवाद, कितने देशों से लड़ेगा जंग?

चीन का भारत (India-China Conflict) के अलावा ताइवान (Taiwan), रूस (Russia), जापान (Japan), वियतनाम (Vietnam) सहित कुल 21 देशों के साथ सीमा विवाद है. आइए समझते हैं, आखिर चीन का भारत सहित इन 21 देशों के साथ कहां-कहां और क्या गतिरोध है.

भारत-चीन (India-China Conflict) के बीच लद्दाख सीमा पर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सेना के बड़े अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग के बाद भी दोनों देशों के बीच आपसी सहमती नहीं बनी. इस बीच, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अपने सैनिकों से युद्ध की तैयारी करने को कहा है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग ने एक मिलिट्री बेस के दौरे पर सैनिकों से कहा- ‘अपना पूरा दिमाग और ऊर्जा युद्ध की तैयारी पर केंद्रित करो.’ ऐसे में दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति कभी भी बन सकती है. हालांकि, भारत इकलौता ऐसा देश नहीं है, जिसका चीन के साथ सीमा तनातनी है. भारत के अलावा, चीन का ताइवान (Taiwan), रूस (Russia), जापान (Japan), वियतनाम (Vietnam) सहित कुल21 देशों के साथ सीमा विवाद है. आइए समझते हैं, आखिर चीन का भारत सहित इन 21 देशों के साथ कहां-कहां और क्या गतिरोध है.

भारत-चीन विवाद
भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है, ऐसे में कई भारतीय क्षेत्रों पर चीन अपना दावा करता रहा है. चीन ने लद्दाख के 38,000 स्क्वैयर किलोमीटर (अक्साई चीन) जमीन पर अवैध रुप से कब्जा किया हुआ है, जो तिब्बत-शिनजियांग को जोड़ने के साथ-साथ रणनीतिक रुप से भी काफी महत्वपूर्ण है. चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और इसके 90,000 स्क्वैयर किलोमीटर पर अपना दावा करता है. बता दें कि 1959 में तिब्बती विद्रोह के दौरान दलाई लामा के निर्वासन से बने तनावों के बाद, 1962 में इस विवादित हिमालयी सीमा पर चीन-भारतीय युद्ध छिड़ गया. आज भी चीन और भारत के बीच लद्दाख और अरुणाचल को लेकर ही सीमा विवाद है.

जापान-चीन विवाद
चीन का साउथ चाइना सी में जापान के साथ विवाद है. चीन दावा करता है कि सेनकाकु आइलैंड उसका हिस्सा है, जिस पर जापान का अधिकार है.

नॉर्थ कोरिया-चीन विवाद
दुनिया के सबसे रहस्यमय देश के रुप में जाना जाने वाला नॉर्थ कोरिया का यूं तो चीन के साथ दोस्ताना संबंध है, लेकिन चीन इसके बाएकडु माउंटेन और जियानडाओ पर दावा करता है. कई दफा वह ऐतिहासिक ग्राउंड्स का हवाला देते हुए पूरे नॉर्थ कोरिया पर ही अपना दावा जताता रहा है. बता दें कि दोनों देश 1416 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर करते हैं, जिसे दो नदियों द्वारा बांटा गया है.

साउथ कोरिया-चीन विवाद
साउथ कोरिया के साथ भी ईस्ट चाइना सी में चीन का विवाद है. हालांकि, इतिहास का हवाला देते हुए चीन पूरे साउथ कोरिया को अपना हिस्सा मानता है.

रूस-चीन विवाद
चीन और रूस हाल के दिनों में काफी करीब आए हैं, लेकिन इन देशों के बीच भी सीमा विवाद है. सन् 1969 में दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुका है. रूस के साथ चीन 4,300 किलोमीटर दूसरा सबसे लंबा बॉर्डर शेयर करता है, इसमें चीन 1,60,000 स्क्वैयर किलोमीटर लंबे रशियन टेरेटरी पर अपना दावा करता रहा है. कुछ माह पहले ही उसने रूस के व्लादिवोस्तोक शहर को अपना हिस्सा बताया था.

नेपाल-चीन विवाद
चीन और नेपाल 1,415 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं, जिसे 1961 की संधि के अनुसार सीमांकित किया गया था. 1788 से 1792 तक हुए चीन-नेपाल युद्ध के बाद भी ड्रैगन नेपाल के कुछ हिस्सों का दावा करता है. चीन का कहना है कि वे तिब्बत का हिस्सा हैं, इसलिए चीन का हिस्सा है, जिसमेंनेपाल के उत्तरी जिले गुमला, रासुवा, सिंधुपालचौक और संखुवासभा शामिल हैं. चीन नेपाल की माउंट एवरेस्ट चोटी को भी अपना हिस्सा बताता रहा है और वहां अपना 5 जी नेटवर्क उपकरण लगाने की तैयारी में है.

भूटान-चीन विवाद
चीन-भूटान के बीच नया विवाद पूर्वी भूटान में स्थित सतेंग वन्यजीव अभयारण्य को लेकर है. दोनों देश 495 वर्ग किमी के विवादित क्षेत्र के साथ लगभग 470 किमी की सीमा साझा करते हैं.

वियतनाम-चीन विवाद
चीन और वियतनाम के बीच 1,300 किमी लंबी सीमा है. चीन ऐतिहासिक आधार पर वियतनाम के बड़े हिस्से पर दावा करता है. दोनों देशों का मैक्रिसफ़ील्ड बैंक पेरासेल द्वीप समूह, दक्षिण चीन सागर और स्प्रैटली द्वीप समूह के कुछ हिस्सों पर अधिकार है. बता दें कि सदियों से वियतनाम चीन के अधीन था जिसके परिणामस्वरूप दोनों के बीच कई बार संघर्ष और आक्रमण हुए.

ब्रुनेई-चीन विवाद
दक्षिण चीन सागर में कुछ तटीय द्वीपों पर ब्रुनेई का कब्जा रहा है. हालांकि, चीन को लगता है यह उसका इलाका है, इसमें प्रमुख रुप से स्प्रैटली आइलैंड शामिल है.

ताइवान-चीन विवाद
चीन यूं तो पूरे ताइवान पर ही दावा करता है, लेकिन विवाद विशेष रूप से मैकड्सफील्ड बैंक, पार्सल आइलैंड्स, स्कारबोरो शोअल, दक्षिण चीन सागर के कुछ हिस्सों, स्प्रैटली द्वीप समूह पर है.

कजाकिस्तान-चीन विवाद
चीन (उत्तरी पश्चिमी प्रांत शिन जियांग) और कजाकिस्तान एक-दूसरे के साथ 1,700 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं. चीन और रूस के बीच कजाकिस्तान एक बफर जोन के रूप में कार्य करता है. कजाकिस्तान के कई क्षेत्रों पर चीन एकतरफा दावे करता रहता है.

किर्गिजस्तान-चीन विवाद
चीन का दावा है कि किर्गिजस्तान के बड़े हिस्से पर उसका अधिकार है, क्योंकि 19वीं सदी में उसने इस भूभाग को उसने युद्ध में जीता था. दोनों देश एक-दूसरे के साथ 1,063 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर करते हैं.

ताजिकिस्तान-चीन विवाद
चीन ऐतिहासिक आधार पर पूरे ताजिकिस्तान पर भी अपना दावा करता है. इन दोनों के बीच कई बार इसे सुलझाने का प्रयास हुआ, लेकिन ताजिकिस्तान में चल रहे गृह युद्ध के कारण कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आए.

अफगानिस्तान-चीन विवाद
चीन और अफगानिस्तान के बीच 210 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो वाखां कॉरिडोर के पास है. 1963 में हुए द्विपक्षीय संधि के बावजूद चीन, अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत (Badakhshan province) में अतिक्रमण करता रहता है.

म्यांमार-चीन विवादचीन और म्यांमार 1960 के सीमा समझौते के आधार पर 2,185 किलोमीटर लंबा बॉर्डर साझा करते हैं. चीन ऐतिहासिक आधार पर म्यांमार के कुछ हिस्सों का दावा करता है.

लाओस-चीन विवाद
1991 में हुई हस्ताक्षरित सीमा संधि के आधार पर लाओस के साथ चीन 505 किमी की सीमा साझा करता है. हालांकि, इसके बावजूद चीन ऐतिहासिक आधार पर लाओस के कुछ हिस्सों पर आज भी अपना दावा करता है.

मंगोलिया-चीन विवाद
मंगोलिया, चीन के साथ 4677 किमी की सीमा साझा करता है, जो दोनों देशों के लिए सबसे लंबा है. चीन अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजी से मंगोलिया का रुख करता है. लेकिन, सीमा पर अपना दावा ठोंकने से भी बाज नहीं आता. चीन ऐतिहासिक आधार पर मंगोलिया के कुछ हिस्सों पर दावा करता है.

तिब्बत-चीन विवाद
चीन 13 वीं शताब्दी के बाद से तिब्बत को अपना अटूट हिस्सा होने का दावा करता है. यह तिब्बत के 12.28 लाख वर्ग किमी क्षेत्र को नियंत्रित करता है.

इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर-चीन विवाद
भारत के बाद अगर चीन का कहीं पर सबसे ज्यादा विवाद है तो वह साउथ चाइना सी है. यहां पर इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर के साथ उसका विवाद है. ये चारों देश भी साउथ चाइना सी पर अपना दावा करते हैं, लेकिन चीन उसे अपना हिस्सा बताता है.



जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com