नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए दो नए जजों के नाम की अधिसूचना जारी कर दी है। इन नामों में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह और मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस आर महादेवन के नाम शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 11 जुलाई को केंद्र से दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की थी। इन दोनों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में निर्धारित जजों की 34 की संख्या भी पूरी हो जायेगी और कोर्ट अपनी पूरी स्ट्रेंथ के साथ काम कर पाएगा।
मणिपुर से सुप्रीम कोर्ट के पहले जज बनेंगे जस्टिस कोटिश्वर सिंह
इन नामों में जस्टिस कोटिश्वर सिंह का नाम शमिल है। वह फरवरी 2023 से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। जस्टिस सिंह मूल रूप से मणिपुर से हैं। अगर केंद्र सरकार उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे देती है तो वह मणिपुर से सुप्रीम कोर्ट के पहले जज बन जायेंगे। जस्टिस सिंह का जन्म 1 मार्च, 1963 को मणिपुर के इंफाल में हुआ था। उनके पिता जस्टिस एन इबोटोम्बी सिंह गुवाहाटी हाईकोर्ट में थे। वह मणिपुर के पहले एडवोकेट जनरल रह चुके थे।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय में ट्रांसफर होने से पहले जस्टिस कोटिश्वर सिंह ने कुछ समय तक सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की थी। उन्हें 2008 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट बनाया गया था। 2011 में जस्टिस सिंह ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के एडिशनल जज के रूप में शपथ ली थी जिसके बाद 2012 में उन्हें परमानेंट जज बनाया गया। 2013 में मणिपुर उच्च न्यायालय के गठन के बाद उन्हें वहां का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। बाद में चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नत किए जाने से पहले 2018 में गुवाहाटी में ट्रांसफर कर दिया गया था।
9,000 से अधिक केसेज निपटा चुके हैं जस्टिस आर महादेवन
वहीं जस्टिस आर महादेवन मई 2024 से मद्रास उच्च न्यायालय के एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत हैं। न्यायमूर्ति महादेवन ने मद्रास लॉ कॉलेज से अपनी कानून की डिग्री पूरी की थी। अपने 25 सालों के करियर में उन्होंने डायरेक्ट टैक्स, सीमा शुल्क और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी जैसे मामलों में महारथ हासिल की। उन्होंने तमिलनाडु सरकार के लिए एडिशनल वकील (टैक्स) और मद्रास हाईकोर्ट में केंद्र के लिए स्थायी वकील और वरिष्ठ पैनल वकील के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने 9,000 से अधिक केसेज देखे। 2013 में मद्रास हाईकोर्ट के जज के रूप में उनको पदोन्नती दी गई थी।