छत्तीसगढ़

मरवाही उपचुनाव:अमित जोगी और ऋचा जोगी दोनों ने दाखिल किया नामांकन; कहा- भूपेश जी ये पब्लिक है, सब जानती है, कब तक खुद से कुश्ती लड़ते रहेंगे

छत्तीसगढ़ के मरवाही उपचुनाव में नामांकन के अंतिम दिन नया मोड़ आ गया है। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जेसीसीजे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया। उनके साथ पत्नी ऋचा जोगी ने भी पर्चा भरा है। खास बात यह है कि एक दिन पहले ही ऋचा जोगी के जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करने की खबरें सामने आई थीं।

जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी तय समय के अनुसार दोपहर करीब 1 बजे अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की समाधि पर पहुंचे और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पत्नी ऋचा जोगी और मां व कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी के साथ नामांकन पत्र जमा करने के लिए निर्वाचन कार्यालय पहुंचे। यहां पर पति-पत्नी दोनों ने ही अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।

अमित जोगी बोले- जानबूझकर खेली जा रही आंख-मिचौली
ऋचा जोगी के जाति प्रमाणपत्र को निलंबित किए जाने को लेकर अमित जोगी ने कहा, जानबूझकर आंख-मिचौली खेली जा रही है। मुंगेली जिला जाति सत्यापन समिति ने उनकी पत्नी ऋचा जोगी का प्रमाणपत्र निलंबित कर दिया है। ऐसे किसी आदेश की जानकारी उनके पास न तो डाक से और न ही ईमेल से भेजी गई है। पता है कि बिना गुण-दोष का आदेश कोर्ट में एक सेकंड भी नहीं टिकेगा।

वहीं जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने ट्विटर और फेसबुक के जरिए जाति प्रमाणपत्र मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, भूपेश बघेल जी, ये पब्लिक है, ये सब जानती है। आप खुद ही से अकेले कुश्ती लड़ते रहेंगे तो कोई नहीं जीतेगा। सब आप पर हंसेंगे और मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हंसी के पात्र बन जाएं।

एक दिन पहले कहा था- फैसला राजनीतिक दबाव व दुर्भावना से

अमित जोगी ने कहा कि राजनीतिक दबाव और दुर्भावना में मेरी पत्नी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया गया। यह लोग मेरे परिवार को चुनाव लड़ने से रोकन चाहते हैं। 24 सितंबर को एससीएसटी, ओबीसी एक्ट 2013 में नियम बदलने की वजह से समिति के पास सिर्फ प्रमाण पत्र निलंबित करने का अधिकार है। निलंबन अस्थाई प्रक्रिया है। जब तक पूरी तरह से प्रमाण पत्र निरस्त नहीं होता, वैधानिक रूप से निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र स्वीकार करना होगा।

फैसला आने तक निरस्त ना करें प्रमाण पत्र

अमित और ऋचा के अधिवक्ताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि न्यायालय के फैसला आ जाने तक निर्वाचन अधिकारी को राजनीतिक दबाव में आकर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं करने के स्पष्ट निर्देश दें। ऋचा जोगी ने अपने अधिवक्ता गैरी मुखोपाध्याय के माध्यम से भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिख कर बताया है कि मुंगेली ज़िला सत्यापन समिति के समक्ष चल रहे प्रकरण के मामले में उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है। मुखोपाध्याय ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से कहा है कि इस मामले में ध्यान दें ।

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