शिमला
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा ली गई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में प्रदेश की 39.20 किलोमीटर लंबी रानीताल-कोटला और 41.50 किलोमीटर लंबी घुमारवीं-जाहू-सरकाघाट सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन सड़कों का निर्माण पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग के मानकों के अनुसार किया जा चुका है और सैद्धांतिक रूप से इन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। सीएम ने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में सड़कें परिवहन का मुख्य साधन हैं और पिछले 8 वर्षों के दौरान राज्य के लिए कोई भी नया राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित नहीं किया गया। उन्होंने राज्य आपदा-2023 के दौरान क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ लगते विभिन्न राज्य मार्गों के उन्नयन के लिए 172.97 करोड़ रुपए जारी करने का अनुरोध किया। इन सड़कों में कुल्लू-मनाली, मंडी-कमांद-कटोला-बजौरा सड़क और चैल-गोहर-पंडोह सड़क शामिल हैं।
सड़क निर्माण में सुरंगों को दी जाए प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि पिछले मानसून में प्राकृतिक आपदा के बाद केंद्रीय मंत्री द्वारा राज्य के दौरे के दौरान घोषणा की गई थी कि केंद्र राष्ट्रीय राजमार्गों से एक किलोमीटर के दायरे में क्षतिग्रस्त सड़कों की मुरम्मत के लिए केंद्र सरकार धनराशि प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यदि सड़क निर्माण में सुरंगों को प्राथमिकता दी जाएगी तो पर्यावरण नुक्सान कम होगा और भूस्खलन का खतरा भी नहीं होगा। नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक मामले पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया तथा ठेकेदारों को सभी परियोजनाएं समयबद्ध पूरा करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर तथा राज्य व केंद्र के संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
58 राष्ट्रीय राजमार्ग की अलाइनमैंट रिपोर्ट के लिए अब तक नहीं हुआ अनुमोदन
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि उनके द्वारा 69 सैद्धांतिक राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए गए थे, जिनमें से वर्ष 2018-19 में 58 राष्ट्रीय राजमार्ग की अलाइनमैंट रिपोर्ट को अनुमोदन के लिए मंत्रालय को प्रस्तुत किया गया था। उन्होंने कहा कि इन अलाइनमैंट रिपोर्ट के लिए अनुमोदन अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने मामले में शीघ्र कार्रवाई करने का भी आग्रह किया।
दो लेन की बजाय 4 लेन मानकों के अनुसार हो राजमार्गों का उन्नयन
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग 8 जिलों को प्रदेश की राजधानी और समीपवर्ती राज्यों को जोड़ता है। सड़क सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न मानकों के अनुसार राजमार्गों का निर्माण उचित नहीं है और अधिकारियों को राजमार्गों का दो लेन मानकों की बजाय चार लेन मानकों के अनुसार उन्नयन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया।