उज्जैन
उज्जैन में गुरुवार-शुक्रवार की रात को अचानक फायरिंग से दहशत फैल गई। भाजपा नेता प्रकाश यादव को गोली मार दी गई। बताया जा रहा है कि सेवानिवृत्त फौजी सुरेंद्र प्रताप सिंह के बीच किसी बात को लेकर विवाद था। नागझिरी पुलिस विवाद सुलझाने मौके पर पहुंची थी, तभी यह फायरिंग की घटना हो गई। फौजी ने प्रकाश यादव को गोली मार दी।
उज्जैन के भाजपा नेता और मुख्यमंत्री मोहन यादव (mp cm mohan yadav) के करीबी माने जाने वाले बिल्डर प्रकाश यादव को एक सेवानिवृत्त फौजी ने गुरुवार देर रात को गोली मार दी। दोनों के बीच बच्चों को लेकर विवाद चल रहा था। गुरुवार रात को नागझिरी थाना पुलिस भी हामुखेड़ी में हो रहे विवाद को सुलझाने पहुंची थी। तभी रिटायर्ड जवान सुरेंद्र प्रताप सिंह और भाजपा नेता प्रकाश यादव के बीच विवाद बढ़ गया।
गुरुवार शुक्रवार की रात 12.45 बजे फौजी ने बंदूक निकालकर प्रकाश यादव को गोली मार दी। प्रकाश यादव भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के नगर संयोजक हैं और पेशे से बिल्डर भी हैं। गौरतलब है कि फायरिंग उस समय हुई जब पुलिस दोनों के बीच का विवाद सुलझाने के लिए बीच-बचाव कर रही थी।
रिटायर्ट फौजी ने लाइसेंसी रिवाल्वर से ये गोली मारी। घटना के बाद क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई। निजी अस्पताल में भाजपा नेता का इलाज चल रहा है, जहां उनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। गोली उनकी पसली में लगी है।
बताया जा रहा है कि पुलिस मौके पर नहीं होती तो प्रकाश यादव की जान भी जा सकती थी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
बच्चों के विवाद में वारदात
बिल्डर प्रकाश यादव को गोली लगने की सूचना पर एसपी प्रदीप शर्मा भी मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों व परिनजों से बातचीत कर जानकारी ली। साथ ही बताया, यह वारदात बच्चों के बीच पुराने झगड़े को लेकर हुई है। आर्मी से रिटायर्ड जवान सुरेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस की मौजूदगी में गोली चलाई है। पुलिसकर्मी भी बाल-बाल बचे हैं। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
पुलिस की मौजूदगी में भाग निकला आरोपी
आरोपी सुरेंद्र प्रताप सिंह वारदात के बाद बड़ी आसानी से फरार हो गया। लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार का प्रयास भी नहीं किया। नागझिरी थाना पुलिस फायरिंग से पहले पहले ही हामुखेड़ी पहुंच गई थी। पुलिस सख्ती दिखाती तो यह वारदात टाली जा सकता थी।
परिवार का आरोप- पुलिस ने आरोपी को नहीं पकड़ा
परिवार का आरोप है कि फायर करने के बाद रिटायर्ड फौजी आराम से फरार हो गया। पुलिस ने उसे पकड़ने का भी प्रयास नहीं किया। पुलिस सख्ती दिखाती तो आरोपी की गोली चलाने की हिम्मत नहीं होती।