डिंडौरी
कलेक्टर सभाकक्ष में कलेक्टर विकास मिश्रा की अध्यक्षता में राजस्व महाभियान 18 जुलाई से 31 अगस्त 2024 तक जिले में संपन्न होने जा रहा है। जिसकी प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इस दौरान अपर कलेक्टर डिंडौरी सरोधन सिंह, संयुक्त कलेक्टर सुनील शुक्ला, संयुक्त कलेक्टर सुभारती मेरावी, एसडीएम डिंडौरी रामबाबू देवांगन, जनसंपर्क अधिकारी चेतराम अहिरवार सहित जिले के समस्त पत्रकारगण उपस्थित रहे।
मध्यप्रदेश शासन की विशेष पहल से राजस्व महा अभियान प्रथम चरण का संचालन जिले में जनवरी से मार्च 2024 तक सीमांकन, नामांतरण, बटवारा, अभिलेख दुरूस्ती, नक्शे में तरमीम, खसरा नक्शा एवं लंबित प्रकरणों को सफलता को देखते हुए राज्य शासन द्वारा राजस्व प्रकरणों को तुरंत निराकरण और राजस्व अभिलेख त्रुटियों को ठीक करने हेतु राजस्व महा अभियान 2.0 का शुभारंभ दिनांक 18.07.2024 से 31.08.2024 तक किए जाने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य राजस्व न्यायालयों (आरसीएमएस) में समय सीमा पार लम्बित प्रकरणों (नामांतरण, बँटवारा, अभिलेख दुरुस्ती) का निराकरण, नए राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज कराना, नक़्शे पर तरमीम, पीएमकिसान का सैचुरेशन, समग्र का आधार से म-ज्ञल्ब् और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग एवं फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन है।
1. आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज कराना और पूर्व आदेशों का खसरों और नक़्शे में अमल :
राजस्व सम्बन्धी सभी प्रकरण आरसीएमएस दर्ज कराए जाएँ। ऐसे प्रकरण जो की अभी न्यायालय में ऑफलाईन प्रचलित है, अथवा किसी कारण से नम्बर से उतर गए हों, उन्हें आरसीएमएस पर दर्ज कराना सुनिश्चित करें।
ये देखने में आया है, कि राजस्व न्यायालय में नामांतरण, बँटवारे के आदेश पारित होने के बाद भी राजस्व अभिलेखों (खसरा नक़्शे) में आदेश का अमल नहीं हुआ है।
सभी राजस्व न्यायालय इन आदेशों का अभिलेखों में अमल करेंगे। ये कार्यवाही 31 जुलाई तक पूरी की जाए।
2. संभागायुक्त, जिला कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभाग अधिकारी द्वारा तहसील न्यायालयों का निरीक्षण : संभागायुक्त द्वारा प्रत्येक ज़िले की कम से कम एक तहसील का निरीक्षण और कलेक्टर / अपर कलेक्टर / अनुविभाग अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्राधिकार की सभी तहसीलों/ टप्पों का शत प्रतिशत निरीक्षण 07/08/2024 तक पूरा कर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि :-
1. तहसीलों और टप्पों में आरसीएमएस की व्यवस्था विधिवत लागू है, और न्यायालय में कोई भी प्रकरण ऑफ़लाइन नहीं है।
2. पूर्व के सभी न्यायालयीन आदेशों का राजस्व अभिलेखों (खसरा / नक़्शे) में अमल किया जा चुका है।
3. आरसीएमएस पर लम्बित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण :
राजस्व अधिकारियों द्वारा 30.06.2024 की स्थिति में समय सीमा पार कर चुके लम्बित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए, तथा नियमित सुनवाई कर नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जाए। प्राथमिकता से पुराने प्रकरणों का निराकरण किया जाए। अभियान के दौरान प्राप्त अविवादित प्रकरणों का निराकरण भी अभियान अवधि में सुनिश्चित किया जाये। प्राप्त नामांतरण अविवादित होने की स्थित में 1 माह की समयसीमा की भीतर निराकरण किया जाए, तथा पूर्व से दर्ज बटवारा प्रकरण अविवादित बटवारा होने की दशा में तीन माह की समय सीमा में निराकरण किया जाए, साथ ही यह प्रमाण पत्र प्रेषित किया जाए कि दिनांक 30.06.2024 की स्थिति निराकृत प्रकरण का अभिलेख में अमल सुनिश्चित किया जा चुका है।
4. नामांतरण: दिनांक 30/06/2024 को समय-सीमा बाह्य के लंबित नामातंरण प्रकरणों (विवादित / अविवादित) का निराकरण सुनिश्चित करते हुए, दर्ज प्रकरणों का समय-सीमा में में निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। रिकार्ड में बहुत से भूमिस्वामी ऐसे दर्ज हैं, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है, परन्तु उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। इस अभियान के तहत उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को भी दर्ज कर निराकरण किया जाए।
5. बटवाराः दिनांक 30/06/2024 को समय-सीमा बाह्य के लंबित बटवारा प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करते हुए दर्ज प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे भूमि की सीमा नक्शे में उपलब्ध होने पर विवादों का निराकरण किया जा सके।
6. अभिलेख दुरुस्ती : दिनांक 30/06/2024 को 06 माह की अवधि के लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जाना सुनिश्चित करें।
7. नक्शे में तरमीम : कुछ ग्रामों के खसरा तथा नक्शे में लिंक स्थापित नहीं है और नागरिकों को उपलब्ध कराये जा रहे नक्शे पूर्णतः शुद्ध नहीं है। खसरा एवं नक्शा में एकरूपता नहीं होने से सम्बन्धित कृषकों को समस्याओं का सामना करना पडता है। इस संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही की जाए :-
1. खसरे में बटांकन होना परंतु नक्शे में नही होना :
नामांतरण / बंटवारा आदेश के आधार पर यदि खसरे में तो बटांकन किया गया, परंतु उसकी तरमीम नक्शे पर अमल नहीं की गई हो, तब इस प्रकार की त्रुटि नक्शे में दिखाई देती है। इस प्रकार की त्रुटि को ग्राम नक्शा में उपलब्ध खसरा बटांकन सूची के अनुसार भूलेख पोर्टल पर “नक्शा बटांकन“ मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम अमल का कार्य किया जा सकता है। वर्तमान में इस प्रकार की तरमीम के प्रकरण काफी अधिक संख्या में लंबित है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुधार किया जाए।
2. खसरा नंबर का एक से अधिक बार होना :
नक्शे के दो पार्सल में एक ही खसरा नंबर दर्ज है, जबकि नक्शा में प्रत्येक पार्सल पर एक यूनिक खसरा नंबर दर्ज होना चाहिए, इस प्रकार की त्रुटि से खसरा एवं नक्शा लिंकिंग में समस्या होती है और कम्प्यूटर यह पता नहीं कर पाता कि जिस खसरा नंबर का दोहराव हो रहा है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर “नक्शा संख्या अद्यतन“ मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया जाए।
3. नक्शे में बटांकन होना एवं खसरे में नही होना :
यदि किसी खसरा नंबर के नक्शे में बटांकन दर्ज है किन्तु खसरे में मूल नंबर प्रदर्शित हो रहा है तो नक्शे में दर्ज बटांको को मर्ज कर खसरा अनुसार मूल नंबर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर “बहुल नक्शा बटांकन मॉड्यूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाए।
4. शामिल खसरे को भिन्न किया जाना
सभी शामिल खसरो को बंदोबस्त के रिकॉर्ड एवं वर्तमान खसरा नक्शे के आधार पर रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाए।
8. समग्र-ई केवायसी तथा समग्र से खसरे की लिंकिंगः
समग्र वेब पोर्टल, एमपी ऑनलाइन/ सीएससी के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की ई केवायसी कराने की सुविधा नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध रहेगी, तथा इस हेतु निर्धारित राशि (रुपये 18) संबंधित एमपी ऑनलाइन/सीएसी के कियोस्क को विभाग के द्वारा एमपीएसईडीसी के माध्यम से प्रदान की जायेगी। सभी खातेदारों और उनके परिवार के सदस्यों को समग्र ई वायसी करने के लिए प्रेरित किया जाए। लैंड पार्सेल को समग्र से लिंक करने के लिए एक यूटिलिटी विकसित की गयी है, एमपीऑनलाइन और सीएससी के कियोस्क पर ये सुविधा भी नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी है। तथा इस हेतु भी निर्धारित राशि संबंधित एमपी ऑनलाइन/सीएसी के कियोस्क को विभाग द्वारा एमपीएसईडीसी के माध्यम से प्रदान की जायेगी। लैंड पार्सेल को समग्र से लिंक करने की कार्यवाही इस अभियान के दौरान पूरा करने का प्रयास किया जाए।
9. पीएम किसान सैचुरेशन : पीएमकिसान योजना सैचुरेशन हेतु
1. छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को योजना में जोड़ा जाए।
2. अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पीएमकिसान पोर्टल पर अद्यतन की जाए।
3. लंबित ई-केवायसी की कार्यवाही पीएमकिसान एप, पीएमकिसान पोर्टल के माध्यम से ओटीपी द्वारा, सीएससी केन्द्र के माध्यम से बायोमेट्रिक द्वारा अथवा पीएमकिसान एप के माध्यम से फेस रिकग्निशन द्वारा पूर्ण की जाए।
4. लंबित आधार बैंक खाता डीबीटी हेतु इनेबल करने की कार्यवाही संबंधित बैकर्स का सहयोग लेकर एवं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक संबंधी खाता खोलकर पूर्ण की जाए।
10. स्वामित्व : स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि के सर्वेक्षण की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए :-
1. दिनांक 31/07/2024 तक समस्त ग्रामें में ग्राउंड ट्रूथिंग का कार्य पूर्ण किया
जाकर अद्यतन नक्शा सर्वे ऑफ इंडिया से प्राप्त किए जाए।
2. आरओआर एण्ट्री की कार्यवाही सतत् रूप से की जाये, जिससे अद्यतन नक्शा प्राप्त होने पर दिनांक 05/08/2024 तक यह कार्यवाही पूर्ण हो सके।
3. दिनांक 12/08/2024 तक अधिक से अधिक ग्रामों का अंतिम प्रकाशन की कार्यवाही पूर्ण की जाये।
4. दिनांक 15/08/2024 को राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर अधिकार अभिलेख का वितरण समारोहपूर्वक सुनिश्चित किया जाए।
5. दिनांक 31/08/2024 तक योजना सैचुरेट करने हेतु कार्यवाही पूर्ण की जाए।
11. फार्मर रजिस्ट्री-
प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री का प्रबंधन ……… पोर्टल के माध्यम से प्रारंभ किया जा रहा है, जिसके माध्यम से सुनिश्चित करने का प्रयास रहेगा कि कृषक किसान क्रेडिट कार्ड हेतु ऑनलाईन आवेदन कर सकें एवं नियमानुसार पात्रता होने पर 30 मिनिट में राशि किसानों को प्राप्त हो सके साथ ही इसके माध्यम से पीएमकिसान योजना हेतु आवेदन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
1. पीएमकिसान योजना हेतु फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया गया है, अतः संलग्न प्रक्रिया अनुसार कृषक स्वयं अथवा पटवारी फार्मर आईडी बनाये जाने की कार्यवाही कर सकते हैं।
2. छूटे हुए पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन भी संबंधित पटवारी द्वारा किया जा सकता है एवं किसान भी उक्त पोर्टल एवं एप के माध्यम से कार्यवाही सुनिश्चित कर सकते हैं।
3. आगामी समय में फार्मर आईडी अन्य योजनाओं में भी अनिवार्य होगा, अतः इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कर किसानों की सहभागिता से फार्मर आईडी जनरेट करने की कार्यवाही पूर्ण की जाए।
4. 15 अगस्त 2024 के समारोह में जिला/ब्लॉक / पंचायत स्तर पर फार्मर आईडी की प्रति प्रदान की जाए।
5. सोशल मीडिया पर फार्मर आईडी के साथ …………….. किसानों द्वारा फोटो अपलोड किए जाए। अपलोड किए गए फोटो में से प्रदेश स्तर पर 03 फोटो का चयन कर संबंधित कृषक को पुरस्कृत किया जाए।
12. प्रचार-प्रसारः
1. अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं प्रगति की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से जिलों द्वारा प्रतिदिन साझा की जाए।
2. प्रत्येक ग्राम में फलेक्स चस्पा कर / दीवार लेखन कर अभियान के प्रचार-प्रसार किया जाए।
अभियान के समन्वय हेतु श्रीमती नमिता खरे, अपर संचालक, मध्यप्रदेश भू- अभिलेख प्रबंधन समिति, भोपाल (9406723636) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
राजस्व महा-अभियान की जिलेवार प्रगति राजस्व महा अभियान डैशबोर्ड (सारा पोर्टल), में उपलब्ध कराई जाएगी। डैशबोर्ड (सारा पोर्टल) पर राजस्व अधिकारी अपने स्वयं के न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों में अभियान की प्रगति देख सकेंगे
13. पुरुस्कार
उत्कृष्ट कार्य करने वाले संभागायुक्त, कलेक्टर/अपर कलेक्टर अनुविभाग अधिकारी, तहसीलदार / नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक / पटवारी को अभियान के समापन पर पुरस्कृत किया जाएगा।
अंत में प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारगणों ने नगर में गलियों, मोहल्ला, सडकों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों के आतंक को रोकने हेतु बात रखी। नर्मदा डेम घाट के पास के शमशान घाट पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की कलेक्टर के समक्ष मांग रखी।