हाथरस
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाथरस हादसे पर कहा घटना में जिन लोगों ने जान गंवाई, उनको मैं श्रद्धांजलि देती हूं…लेकिन इसके अलावा, जब हम शिक्षा देने का कार्य करते हैं, तो मेरा मानना है कि हमें लोगों के सामने ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए कि जिसकी वजह से ऐसे हादसे हों…जब कोई यह कहता है कि 'मेरी चरणरज ले लो और इसे अपने माथे से लगाओ, तो तुम्हारे सारे दुख और दर्द दूर हो जाएंगे', क्या वास्तव में ऐसा होता है?…अंधश्रद्धा बढ़ाना और लोगों के सामने ऐसी बातें कहना, यह भी एक गुनाह है और मेरा मानना है कि उन्हें इसके लिए सज़ा होनी चाहिए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाथरस हादसे (भोलेबाबा सत्संग) को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चरण रज के चक्कर में इतना बड़ा हादसा हो गया। इस तरह के अंधविश्वासों में लोगों को नहीं पड़ना चाहिए। इस तरह का भ्रम फैलाने को मैं गुनाह की श्रेणी देती हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, ‘हाथरस में एक घटना हुई यह सभी को पता है। जिन लोगों ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई ऐसे लोगों के लिए मैं प्रार्थना करती हूं कि भगवना उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। लेकिन इसके अलावा, जब हम शिक्षा देने की बात करते हैं, तो मेरा मानना है कि हमें लोगों के सामने ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे ऐसी घटनाएं हों…जब कोई कहता है, “मेरे चरण रज को धारण करो और इसे अपने सिर से लगाओ, तुम्हारे सारे दर्द और कठिनाइयां दूर हो जाएंगी”, क्या वास्तव में ऐसा होता है? उन्होंने कहा कि भगवान सुदर्शन चक्र ऐसे लोगों को दिखाते थे, जो अन्याय करते थे। वो भी उन्होंने ऐसा केवल तीन बार किया।
पटेल ने कहा कि अंध विश्वास का प्रदर्शन और अनुयायियों के सामने ऐसी बातें कहना यह भी एक गुनाह है। मेरा मानना है कि गुनाह के तहत उसको भी सजा होनी चाहिए। मैं ऐसा मानती हूं। उन्होंने कहा कि जब मैंने यह घटना देखी, टीवी चैनल भी चार-पांच दिन वही दिखा रहे थे। जैसे लगता था कि इसके अलावा पूरे भारत और विश्व में कोई कार्यक्रम ही नहीं था। पटेल ने कहा कि हम लोगों को अंधविश्वास से मुक्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंधविश्वास को लेकर जो लोग ऐसी साजिशें कर रहे हैं, इसमें हमारी भी गलतियां हैं।
बता दें, हाथरस में दो जुलाई को सत्संग के दौरान भगदड़ होने से बड़ा हादसा हो गया था। इस हादसे में सौ से ज्याद लोगों की मौत हो गई थी। सत्संग ‘भोलो बाबा’ नाम के शख्स के द्वारा किया जा रहा था, जिसमें दूर-दूर से आए हुए लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था। हादसे के बाद बाबा फरार हो गया।
हादसे के बाद स्वयंभू संत नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की प्रतिक्रिया भी सामने आई थी। नारायण साकार ने कहा कि वो इस घटना के बाद से बहुत परेशान चल रहे हैं, लेकिन होनी को कोई नहीं टाल सकता, जो इस धरती पर आया है, उसे जाना ही है।
कौन है बाबा सूरजपाल?
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के बहादुर नगर गांव में जन्मे बाबा साकार हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह जाटव है। सत्संग मार्ग में आने से पहले सूरजपाल इटावा पुलिस में पदस्थ था। नौकरी के दौरान साल 1997 में बाबा के ऊपर यौन शौषण की एफआईआर भी दर्ज हुई थी, लेकिन जेल से छूटने के बाद वह साकार विश्व हरि बाबा बनकर सत्संग करने लगा। सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के उपर अब तक पांच मुकदमे चल रहे हैं इनमें से एक- एक केस आगरा, इटावा, कासगंज और फर्रुखाबाद और राजस्थान के दौसा में दर्ज है।