ताइपे/बीजिंग.
एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि ताइवान पर चीन के हमले का खतरा बढ़ गया है। ताइवान के लोगों ने खुद ये बात स्वीकार की है। ताइवान स्थित एकेडेमिया सिनिका द्वारा किए गए सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि ताइवान के लगभग 60 प्रतिशत निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में ताइवान के विरुद्ध चीन का खतरा बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एकेडेमिया सिनिका के यूरोपीय और अमेरिकी अध्ययन संस्थान के सहायक अनुसंधान फेलो जेम्स ली ने कहा, 'सर्वेक्षण में इस बात पर चर्चा की गई कि संयुक्त राज्य अमेरिका की विश्वसनीयता और समय के साथ इसमें किस तरह का बदलाव आया है और चीन का खतरा कितना बढ़ा है, साथ ही ताइवान के लोग अमेरिकी और चीनी संकेतों को किस तरह देखते हैं।' खास बात ये है कि 80 फीसदी ताइवान के लोग मानते हैं कि चीन और ताइवान एक देश नहीं हैं। वहीं 13 फीसदी लोगों का मानना है कि चीन और ताइवान एक ही देश हैं।
ताइवान में अमेरिका की विश्वसनीयता बढ़ी
सर्वेक्षण रिपोर्ट में अमेरिकी विश्वसनीयता में 7.2 प्रतिशत अंकों की वृद्धि देखी गई है, जो साल 2023 के 34 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 41 प्रतिशत हो गई है। ताइवान के लोग इस बात पर भी एकमत नहीं हैं कि अगर ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो फिर अमेरिका ताइवान का बचाव करेगा या नहीं। यह सर्वेक्षण ऐसे समय हुआ है, जब चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में भी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के 22 पीएलए विमानों और 8 पीएलएएन जहाजों ने ताइवान की सीमा का उल्लंघन किया। ताइवान की सेना भी वार्षिक हान कुआंग सैन्य अभ्यास कर रही है। ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हाल के वर्षों में ताइवान के लिए सैन्य खतरा बढ़ा है।